NATO Big Nuclear Exercise begins: उत्तरी यूरोप में नाटो का बड़ा परमाणु अभ्यास शुरू, नाटों के इस कदम से हिल सकती ही दुनिया!

NATO's nuclear exercises
NATO Big Nuclear Exercise begins: उत्तरी यूरोप में नाटो का बड़ा परमाणु अभ्यास शुरू, नाटों के इस कदम से हिल सकती ही दुनिया!

NATO Big Nuclear Exercise begins: ब्रुसेल्स (एजेंसी)। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने सोमवार को उत्तरी यूरोप में बड़े पैमाने पर परमाणु अभ्यास ‘स्टीडफास्ट नून’ शुरू कर दिया है, जिसमें 13 गठबंधन देशों के 2,000 सैनिक और 60 सैन्य विमान भाग ले रहे हैं। नाटो महासचिव मार्क रट ने कहा, ‘‘अभ्यास मुख्य रूप से ब्रिटेन, उत्तरी सागर, साथ ही बेल्जियम और नीदरलैंड में हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इन अभ्यासों से विरोधियों को पता चल जाएगा कि नाटो किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है। NATO’s nuclear exercises

एक साल से चल रही थी योजना

नाटो ने पहले कहा था कि अभ्यास की योजना एक साल से अधिक समय पहले तैयार की गई थी और अभ्यास में किसी भी लड़ाकू हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। युद्धाभ्यास दो सप्ताह तक चलेगा। इसमें 8 एयरबेस शामिल हो रहे हैं। विशेष रूप से परमाणु हथियार, बमवर्षक, एस्कॉर्ट फाइटर और ईंधन भरने वाले विमान ले जाने में सक्षम विभिन्न विमान, साथ ही टोही और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमान अभ्यास में भाग लेंगे। नाटो प्रेस सेवा ने कहा कि गठबंधन लगातार परमाणु निरोधक बलों की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। विशेष रूप से 2024 में नए डच लड़ाकू विमानों एफ35ए को परमाणु निरोधक मिशनों में उपयोग के लिए उपयुक्त माना गया।

गौरतलब है कि इस तथ्य के बावजूद कि नाटो का यह अभ्यास पूर्व निर्धारित है, युद्ध-विरोधी संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय जगत में जारी तनावों के संदर्भ में उसके आचरण की आलोचना की है। नाटो रणनीतिक अवधारणा में गठबंधन के नेताओं ने कहा है कि जब तक परमाणु हथियार मौजूद हैं, तब तक नाटो एक परमाणु गठबंधन बना रहेगा।

ये है उद्देश्य | NATO’s nuclear exercises

इस अभ्यास का उद्देश्य नाटो की तत्परता को प्रदर्शित करना है। खासतौर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से परमाणु हमले के खतरों के बीच हो रहे इस अभ्यास को तनाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है। हालांकि नाटो का तर्क है कि वह इसके माध्यम से परमाणु निवारक क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। नाटो के महासचिव मार्क रूटे ने के मुताबिक यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए है।

क्या है परमाणु युद्धाभ्यास

परमाणु युद्धाभ्यास ये परखने के लिए किया जाता है कि किसी भी हमले का जवाब देने के लिए संबंधित देश या संगठन कितना तैयार है। इसमें वायुसेना इकाई भी शामिल होती हैं। इनके युद्धक विमान परमाणु हथियारों से लैस होते हैं जो गश्ती उड़ानें संचालित करते हैं। इससे पहले रूस ने भी पश्चिमी देशों के खतरे को देखते हुए परमाणु हथियारों के साथ युद्धाभ्यास करने का फैसला किया था।

बढ़ेगा तनाव? NATO’s nuclear exercises

माना जा रहा है कि नाटो के इस कदम से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। इससे पहले भी कई बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन नाटो को चेता चुके हैं। पुतिन ये भी कह चुके हैं कि नाटो और पश्चिमी देश उस पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हैं। उधर नाटो भी जिद पर अड़ा है। ऐसे में माना जा रहा है कि नाटों के इस कदम से दुनिया हिल सकती है।

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