राष्ट्रीय प्रेस दिवस: सोशल मीडिया पर क्या बोले- उपराष्ट्रपति, जानें, इसके फायदे और नुक्सान

सोशल मीडिया का प्रयोग जागरूकता बढ़ाने के लिए हो: नायडू

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग समाज में एकता, सौहार्द और जागरूकता बढ़ाने के लिए होना चाहिए। नायडू ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जारी एक संदेश में कहा कि जनता को सही, निष्पक्ष, प्रमाणिक और सामयिक सूचना से शिक्षित करने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी भी है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मीडिया से जुड़े सभी मित्रों को हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि मीडिया में झूठी और सनसनीखेज खबरों के बढ़ते चलन को रोका जाना चाहिए। सोशल मीडिया का प्रयोग समाज में एकता, सौहार्द और सजगता बढ़ाने में होना चाहिए।

सोशल मीडिया का विस्तार

  • भारत में वर्ष 2019 तक 574 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्त्ता थे।
  • इंटरनेट प्रयोग करने के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है।
  • एक अनुमान के अनुसार, दिसंबर 2020 तक भारत में लगभग 639 मिलियन सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता होंगे।
  • भारत के अधिकांश इंटरनेट उपयोगकर्त्ता मोबाइल फोन इंटरनेट उपयोगकर्त्ता हैं।
  • वर्ष 2019 में भारत में कुल डेटा (4जी डेटा उपभोग के साथ) ट्रैफिक में 47% की वृद्धि हुई है। देश भर में खपत होने वाले कुल डेटा ट्रैफिक में 4जी की भागीदारी 96% है जबकि 3जी डेटा ट्रैफिक में 30% की उच्चतम गिरावट दर्ज की गई।

सोशल मीडिया के लाभ

  • सूचना का लोकतंत्रीकरण
  • सोशल मीडिया ज्ञान और व्यापक स्तर पर संचार सुविधाओं का लोकतंत्रीकरण करता है।
  • विश्व भर के अरबों लोगों ने अब सूचना को संरक्षित रखने और इसका प्रसार करने के पारंपरिक माध्यमों को चलन से लगभग बाहर कर दिया है। वे सिर्फ इसके उपभोक्ता ही नहीं सामग्री के निमार्ता और प्रसारकर्त्ता भी बन गए हैं।

चुनौतियाँ

द्वेषपूर्ण भाषण और अफवाहें

पिछले कुछ समय से कई मामलों में हिंसा और जान-माल की क्षति के लिये नफरत फैलाने वाले भाषण और अफवाहें जिम्मेदार रहे हैं। हाल ही का एक मामला है जब महाराष्ट्र के पालघर के गडचिंचल गाँव में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या कर दी गई। व्हाट्सएप मैसेज द्वारा यह अफवाह फैलाई गई कि क्षेत्र में तीन चोर चोरी कर रहे हैं, इस अफवाह के चलते गाँव के एक समूह ने तीनों यात्रियों को चोर समझकर उनकी हत्या कर दी थी। हस्तक्षेप करने वाले कई पुलिस कर्मियों पर भी गाँव वालों ने हमला कर दिया जिससे वे घायल हो गए। 2020 के दिल्ली दंगों में सोशल मीडिया पर हुए द्वेषपूर्ण भाषण की बड़ी भूमिका थी।

फेक न्यूज

  • वर्ष 2019 माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 22 देशों में किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, 64% से अधिक भारतीय फर्जी खबरों का सामना करते हैं।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और व्हाट्सएप जैसी मैसेजिंग सेवाओं के माध्यम से प्रसारित एडिटेड इमेज, हेरा-फेरी वाले वीडियो और झूठे संदेशों की एक चौंका देने वाली संख्या मौजूद है जिससे गलत सूचनाओं और विश्वसनीय तथ्यों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।

आनलाइन ट्रोलिंग

ट्रोलिंग सोशल मीडिया का नया उप-उत्पाद है। कई बार लोग कानून अपने हाथ में ले लेते हैं, लोगों को ट्रोल करना और धमकाना शुरू कर देते हैं जो उनके विचारों या आख्यानों से सहमत नहीं होते हैं। इसने किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर हमला करने वाले गुमनाम ट्रोल को भी बढ़ावा दिया है।

महिला सुरक्षा

महिलाओं को साइबर रेप और अन्य खतरों का सामना करना पड़ता है जो उनकी गरिमा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। कभी-कभी उनकी तस्वीरें और वीडियो को साइबर पर लीक कर देने की धमकी दी जाती है। कभी-कभी उनकी तस्वीरें और वीडियो लीक हो जाते हैं जिसके कारण उन्हें साइबर अपराध के लिये मजबूर किया जाता है।

 

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