National Newspaper Sach Kahoon Anniversary
‘सच कहूँ’ सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का रूहानियत व इन्सानियत का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचा रहा है। दुनिया की परिस्थितियां आज मरूस्थल जैसी हो गई हैं व ‘सच कहूँ’ भारतीय संस्कृति के महान मूल्यों के चश्मे के रूप में नई पीढ़ी को संस्कृति के साथ जोड़ रहा है। प्यार-मोहब्बत, मिलना-जुलना, समाज सेवा, दया, त्याग जैसे गुण भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा हैं। इन गुणों के चलते भारतीय संस्कृति विश्व गुरु संस्कृति है। ‘सच कहूँ’ बाजारवाद, उपभोगवादी संस्कृति व शोहरत की लालसा से रहित, लेकिन सामाजिक गुणों वाली पत्रकारिता को समर्पित है। 22 वर्षों के सफर में ‘सच कहूँ’ को पाठकों का बेशुमार प्यार मिला। पूज्य गुरु जी के पावन चरण कमलों में अरदास है कि ‘सच कहूँ’ रचनात्मक पत्रकारिता करते हुए बुलंदियों को छुए। (National Newspaper Sach Kahoon Anniversary)
प्रकृति की संभाल
पूज्य गुुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं से ‘सच कहूँ’ अपनी हर वर्षगांठ प्रकृति की संभाल को समर्पित करता है। हर वर्ष 11 जून को भीषण गर्मी के मौसम के मद्देनजर हजारों जगहों पर पक्षियों के लिए चोगे व पानी के लिए सकोरे रखता है, ताकि प्रकृति के ये अनमोल तोहफे सदा चहकते रहें।