चेन्नई (एजेंसी)। चेन्नई के इंजीनियरिंग के चार छात्रों द्वारा विकसित किये गये देश के सबसे हल्के माइक्रो उपग्रह जयहिंद-1एस (Jaihind-1S) का शुक्रवार को नासा कोलंबिया साइंटिफिक बलून फैसिलिटी से प्रक्षेपण किया जाएगा।
चेन्नई के उपनगरीय क्षेत्र केलम्बक्कम के हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के प्रथम वर्ष के चार छात्रों के जे हरिकृष्णन, पी अमरनाथ, जी सुधी और टी गिरि प्रसाद ने इस उपग्रह (Jaihind-1S) का निर्माण किया। सबसे हल्के माइक्रो उपग्रह के तौर पर इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में दर्ज इस उपग्रह का वजन मात्र 33.39 ग्राम है।
उपग्रह के निर्माण एवं विकास में छात्रों का मार्गदर्शन करने वाले प्रोफेसर जी दिनेश कुमार ने कहा, ‘वर्तमान में इंसान मंगल और अन्य ग्रहों पर आशियाना बनाने की योजना बना रहा है। ऐसे में विभिन्न सामग्रियों और माइक्रोग्रैविटी में वे कैसे काम करेंगी, इसका अध्ययन किया जाना अनिवार्य है।
भविष्य के अंतिरिक्ष मिशनों में होगा इसका इस्तेमाल Jaihind-1S
उन्होंने बताया कि यह उपग्रह 3डी प्रिंटेड नायलॉन से बनाया गया है जो कि एक विकासशील प्रौद्योगिकी है। यह पदार्थ हल्का होने के बावजूद उच्च ताप और अपघर्षण प्रतिरोधक है, लिहाजा उपग्रह के निर्माण के लिए इसका चयन किया गया।
इसके प्रक्षेपण से माइक्रोगैविटी में नायलॉन के काम करने की क्षमता का पता चलेगा और यह भी पता लगाया जा सकेगा कि भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता हैं अथवा नहीं।
प्रो. कुमार ने बताया कि यह उपग्रह बलून के त्वरण, उतार-चढ़ाव, विचलन और आवर्ती गतिविधि ताकि उसके प्रक्षेपण पथ का पता लगाया जा सके। उपग्रह तापमान, दाब और आर्द्रता आदि मौसम के मानकों को भी रिकॉर्ड करेगा।
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