नागौर (Nagaur Raj)जिले से आठ जाट प्रत्याशियों ने चुनाव जीता
जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान की पंद्रहवीं विधानसभा चुनाव में पहली बार नागौर जिले की सभी सामान्य आठ सीटों पर जीत हासिल कर जाट प्रत्याशियों ने जिले में अपना राजनीतिक दबदबा कायम किया हैं। हालांकि चुनाव में इस बार प्रदेश में करीब पैतीस जाट उम्मीदवारों ने बाजी मारी हैं। इनमें अकेले नागौर (Nagaur Raj)जिले से आठ जाट प्रत्याशियों ने चुनाव जीता हैं जिनमें पांच कांग्रेस एवं दो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) का उम्मीदवार विधायक चुने गये हैं।
राज्य में नागौर जिला ऐसा क्षेत्र बन गया जहां पहली बार सभी सामान्य सीटों पर जाट उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया हैं। हालांकि नागौर में जायल और मेड़ता दो आरक्षित सीटों सहित कुल दस विधानसभा क्षेत्र हैं। जाट बहुल जायल और मेड़ता में भी जाट मतदाता निर्णायक साबित होते हैं।नागौर जिले की डेगाना विधानसभा ऐसी हैं जिसमें अब तक हुए पन्द्रह विधानसभा चुनाव में पहले चुनाव वर्ष 1952 में आरआरपी प्रत्याशी भोपाल सिंह एवं 1985 में जनता पार्टी प्रत्याशी कल्याण सिंह कालवी को छोड़कर शेष तेरह चुनावों में जाट प्रत्याशियों ने ही बाजी मारी।
जिसमें ज्यादात्तर कांग्रेस ने विजय हासिल की। इस बार डेगाना से चार बार विधायक रहे रिछपाल मिर्धा के पुत्र विजयपाल सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। विजयपाल जयपुर में झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले लाल चंद कटारिया के दामाद हैं। विजयपाल के चुनाव जीत जाने पर क्षीण होते जा रहे मिर्धा परिवार के राजनीतिक प्रभुत्व को बचाने में सहारा मिलेगा।
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