नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी नाडा देश के क्रिकेटरों का डोप टेस्ट नहीं कर सकती। बीसीसीआई ने खेल मंत्रालय को कहा है कि उसके पास टेस्ट करने का अपना पूरा एक सिस्टम है, इसलिए नाडा को देश के क्रिकेटरों का टेस्ट करने की कोई जरुरत नहीं है। बीसीसीआई ने इसके साथ ही कहा कि वह एक स्वायत्त संस्था है और कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं है इसलिए वह नाडा के क्षेत्राधिकार में भी नहीं आता है। भारतीय बोर्ड ने साथ ही कहा कि वह 2011 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) की डोपिंग रोधी संहिता से जुड़ा हुआ है जो वाडा की संहिता पर आधारित है और इस कारण उसे अतिरिक्त जांच की जरुरत नहीं है।
बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा, ‘बीसीसीआई एक स्वायत्त खेल संगठन हैं जो दुनिया में क्रिकेट को नियंत्रित करने वाली आईसीसी से संबद्ध है। बीसीसीआई को आईसीसी द्वारा निर्धारित नियम कायदों के तहत अपना संचालन करने की जरुरत है। बीसीसीआई डोपिंग को कतई बर्दाश्त नहीं करता है और उसके सख्त नियंत्रण के कारण भारतीय क्रिकेट डोपिंग से पूरी तरह मुक्त है। जौहरी ने जोर देकर कहा, ‘बीसीसीआई नमूनों के टेस्ट और उनकी जांच के लिए वाडा के अंतरराष्ट्रीय नियमों और मापदंडों का पालन करता है। बीसीसीआई ने उसी विशेषज्ञ नमूना एकत्र करने वाली एजेंसी की सेवाएं ली रखी है जो आईसीसी के साथ है। उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई का अपना डोपिंग सिस्टम है जो प्रतियोगिता के दौरान और उससे बाहर टेस्ट करता है।
यहां यह भी ध्यान देना होगा कि बीसीसीआई कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं है, इसलिए नाडा के पास किसी घरेलू टूर्नामेंट या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में क्रिकेटरों का टेस्ट करने का कोई अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि भारतीय खेल सचिव राहुल भटनागर ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर कहा था कि यदि बोर्ड नाडा का पालन नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि वह वाडा विरोधी है। जौहरी ने इसी संदर्भ में अपना जवाब खेल मंत्रालय को भेजा है और उनका स्पष्ट कहना है कि बीसीसीआई केवल आईसीसी द्वारा निर्धारित डोपिंग रोधी नियमों का पालन करेगी।