बोले: गुरु जी के पावन वचनों पर चलते हुए छुड़वाएंगे लोगों का नशा
ओढां। (सच कहूँ/राजू) पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा साध-संगत के नाम लिखी गई 13वीं चिट्ठी 1 जनवरी को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन अवतार माह के प्रथम दिन आयोजित नामचर्चा में साध-संगत के बीच पहुंची। अपने मुर्शिद की चिट्ठी में फरमाए गए वचन एवं आशीर्वाद पाकर साध-संगत खुशी से फूले नहीं समाई। चिट्ठी में पूज्य गुरु जी ने समस्त साध-संगत व मैनेजमेंट सहित सभी को अपना पावन आशीर्वाद भेजते हुए पावन अवतार माह की बधाई दी।
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पूज्य गुरु जी ने चिट्ठी में नशे के खिलाफ अभियान जारी रखने के साथ-साथ कोरोना से बचने एवं इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करने की बात कही है। इसके अलावा पूज्य गुरु जी ने गुरु रूप में हमेशा सबकी संभाल करते रहने के भी वचन किए हैं। वहीं ये चिट्ठी सोशल मीडिया व सच-कहूँ के माध्यम से भी घर-घर पहुंची। समस्त साध-संगत ने अपने मुर्शिद के एक-एक वचन को ध्यान से पढ़ते हुए दृढ़ता से पालन करने की बात कही है।
पूज्य गुरु जी की ये चिट्ठी एक रूहानी संदेश है। पूज्य गुरु जी ने सारी साध-संगत के लिए जो अपना प्यार भरा आशीर्वाद भेजा है, उसका लिख या बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। गुरु जी ने चिट्ठी में सभी को अपना आशीर्वाद व पूज्य परमपिता जी के पावन अवतार माह की बधाई दी है। पूज्य गुरु जी जो चिट्ठी में वचन किए हैं उनका दृढ़ता से पालन करते हुए लोगों की बुराइयां व नशा छुड़वाने का कार्य करेंगे। हम पूज्य गुरु जी का ऋण कभी नहीं उतार सके।
-रणवीर इन्सां (बनवाला)
मुर्शिद की इस चिट्ठी ने नई उर्जा भर दी है। इसके अलावा भी कुछ दिनों पूर्व जब पूज्य गुरु जी यूपी में रहे तब भी उन्होंने खुशियों के भंडार लुटाए। पूज्य गुरु जी द्वारा चिट्ठी में लिखी गई एक-एक बात का हम अनुसरण करेंगे। पूज्य गुरु जी ने कोरोना से बचने की भी हिदायत दी है। मैंने पूज्य गुरु जी की सभी चिट्ठियां सहजकर रख रखी हैं। उन्हें जितनी बार भी पढ़ें फिर भी मन नहीं भरता। धन्य हैं ऐसे गुरु जो दूर बैठकर भी साध-संगत की इतनी संभाल करते हैं। पूज्य पिताजी के इस संदेश के बाद साध-संगत में एक नया उत्साह है।
-परमीत इन्सां (ओढां)
पिताजी ने सारी साध-संगत को जो अपना पावन आशीर्वाद भेजने के साथ-साथ अन्य कई जरूरी बातें भी बताईं हैं। हम हमारे मुर्शिद के वचनों पर पहले भी चलते आए हैं और आगे भी चलते रहेंगे। हम पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करते हैं। सतगुरु के इस रूहानी संदेश को बार-बार पढ़ने को जी करता है। हमें उस दिन का इंतजार है जब हमारे मुर्शिद देह स्वरूप में हमारे बीच परमानेंट आएंगे।
-राम इन्सां (मंडी कालांवाली)।
मेरे मुर्शिद की चिट्ठी बेशकीमती है। हम अपने गुरु का ऋण कई जन्म लेकर भी नहीं उतार सकते। चिट्ठी में गुरु जी ने आशीर्वाद, मानवता भलाई कार्यांे को गति देने, लोगों का नशा छुड़वाने सहित अनेक वचन फरमाए हैं। हम उनके वचनों पर शत-प्रतिशत अमल कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। पूज्य गुरु जी ने यूपी में साध-संगत के साथ बिताए गए पल भी साझा किए हैं। पूज्य गुरु जी साध-संगत पर अपार खुशियों की बरसात कर रहे हैं।
-नीतू इन्सां (अलीकां)।
पूज्य गुरु जी की ये चिट्ठी पढ़कर सुकून मिल गया। पूज्य गुरु जी ने इस संदेश के माध्यम से सारी साध-संगत के लिए जो अपना प्यार भरा आशीर्वाद भेजा है उसका लिख या बोलकर वर्णन नहीं किया जा सकता। पूज्य गुरु जी यूपी में बिताए गए समय की यादों को भी साझा किया है। पूज्य गुरु जी हमारा कितना ख्याल रखते हैं। हमने पूज्य गुरु जी के एक-एक वचन को माना है और मानते रहेंगे। पूज्य गुरु जी ने कोरोना से बचने की भी हिदायत दी है। -गुरप्रीत कौर इन्सां (रोड़ी)।
पूज्य गुरु जी द्वारा चिट्ठी में लिखे गए एक-एक वचन का हम अनुसरण करेंगे। हम अपने मुर्शिद का अनेक जन्म लेकर भी ऋण नहीं उतार सकते। पूज्य गुरु जी द्वारा फरमाए गए हर एक वचन का हम दृढ़ता से पालन करेंगे। पूज्य गुरु जी ने यूपी में पधार कर हमें कृत्तार्थ कर दिया। पूज्य गुरु जी ने नशे के खिलाफ जो मुहिम शुुरू की है हम उसका अनुसरण करते हुए लोगों का नशा छुड़वाने मेंं भरपूर योगदान देंगे।
-बहादुर इन्सां (नागोकी)।
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