लोगों का नशा छुड़ाना सच्चे सौदे का ऐम: पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
- 250 से अधिक जरूरतमंद लोगों को बांटे गर्म कपड़े, हजारों आवारा पशुओं के गले में रिफ्लेक्टर पहनाने के अभियान की करी शुरुआत
अंबाला। (सच कहूँ न्यूज) शहर के सेक्टर 8 की न्यू अनाज मंडी, नजदीक मानव चौक अंबाला सिटी में रविवार को डेरा सच्चा सौदा के अंबाला जोन की साध-संगत ने नशा रूपी दैत्य को जड़ से उखाड़ फेंकने का अनूठा संकल्प लिया। अवसर था डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के 104वें पावन अवतार माह की खुशी में आयोजित स्पेशल जोन स्तरीय नामचर्चा का। इस कार्यक्रम में अंबाला के आस-पास के विभिन्न ब्लॉकों से भारी तादाद में साध-संगत ने भाग लिया तथा नामचर्चा में उमड़े साध-संगत के जन सैलाब के आगे प्रबंधन द्वारा किए गए सारे प्रबंध छोटे पड़ गए।
इस दौरान डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने 147 मानवता भलाई कार्यो को रफ्तार देते हुए 250 से अधिक जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े देकर मदद कर उनका सहारा बनी। इसके अलावा हजारों पशुओं के गले में रिफ्लेक्टर पहनाने के अभियान की भी शुरुआत की गई। ताकि धुंध के मौसम में दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ में क्षेत्र में नशे रूपी दानव को खत्म करने के लिए उपस्थित साध-संगत व शहर वासियों ने डेप्थ मुहिम के तहत अपने दोनों हाथ उठाकर नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने और नशा नहीं करने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर आयोजित नामचर्चा को लेकर पूरे पंडाल को साध-संगत द्वारा बड़े ही भव्य तरीके से सजाया गया। पंडाल में बनाई गई फूलों की सुंदर रंगोली सभी के आकर्षण का केन्द्र रही। नामचर्चा पंडाल में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से पूज्य गुरु जी के पवित्र वचनों को चलाया गया।
जिसे साध-संगत ने एकाग्रचित होकर सुना। दोपहर 12 बजे धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का पवित्र नारा लगाकर नामचर्चा की शुरूआत की गई। बाद में कविराजों ने भजन वाणी के माध्यम से साध-संगत को लाभान्वित किया। नाम चर्चा के दौरान पूज्य गुरु जी द्वारा भेजी गई 13वीं चिठी भी साध संगत को पढ़कर सुनाई गई। नामचर्चा में उपस्थित साध संगत को अपने पावन वचनों से निहाल करते हुए पूज्य गुरुजी ने सच्चा सौदा क्या और इसका मकसद क्या है? के बारे में बताते हुए फरमाया कि सच्चा ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम है। वो सच था, सच है और सच रहेगा, वो ना बदला था, ना बदला है और ना कभी बदलेगा। जिसे ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड कहा जाता है। इसलिए सच्चा का अर्थ हो गया परमात्मा और सौदा यानी बिजनेस, व्यापार। पूज्य गुरु जी ने कहा कि कौन सा सौदा? सौदे से लगता है सौदेबाजी चलती है।
जी हां यहां कौन-सी सौदेबाजी चलती है? के बारे में स्पष्ट करते हुए फरमाया कि सच्चा सौदा में आप अपने बुरे कर्म ले आओ, आप नशा रूपी जितनी बुराइयां करते हो, बुरी आदतें ले आओ, अरे अपने पाप गुनाह ले आओ और ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु की कृपा से शाह सतनाम, शाह मस्ताना की कृपा से यहां दे जाओ और बदले में अनमोल राम का नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड का नाम ले जाओ। घर में बैठकर उसका जितना आप जाप करते रहोंगे, उसे जितना लगाते रहोगे दिलो-दिमाग रूह पे, उतना ही चेहरे पर नूर आएगा। घर में बरकते आएगी। साथ में बिजनेस, व्यापार जो भी काम धंधा आप करते हो उनमें आपको और तरक्की हासिल होंगी। यानी ये सच्चा सौदा का सौदा है।पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि किसी भी धर्म में नहीं लिखा कि शराब पीयो, तंबाकू खाओ, ड्रग, चिट्टा-काला नीला, पीला जो भी आ गया है। सब नशे बर्बादी का घर हैं। ये सच्ची बात सच्चे सौदा में सिखाई जाती है।
सच्ची बाते हैं, राम की बाते है, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड की बाते है और इसलिए ये कड़बी उन्हीं को लगती है जो नशे के व्यापारी है, जो ढोंग ढकोसला करता है,जो बुरे कर्म करता है, उसको लगता है कि मेरी सारी दुकानें बंद हो जाएगाी। सारे इसपे अमल करने लग गए, अगर सारे लोग अपने-अपने धर्मो को मानने लग गए तो फिर नशे की तो कोई जगह ही नही हैं। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशे को छुड़ाना ऐम है सच्चे सौदे का। सच्चे सौदे का ये ऐम क्यों है के बारे में बताते हुए कहा कि जो मालिक की औलाद है, वो सच्चे सौदे के संत-पीर फकीर की भी औलाद होती है।
वैसे हर संत की औलाद होती है। क्योंकि भगवान को सबकुछ मानता है, उसकी जितनी भी औलाद है, सृष्टि में जितने भी आदमी, इन्सान, पशु, पक्षी यानी जितने भी लोग है, जितने भी जीव-जंतु है सारे भगवान की औलाद है। इसलिए नैचुरली संत की औलाद हो गए। हमे बहुत दर्द होता है कि हमारी औलाद राम-नाम का नशा छोड़कर गंदगी खा रही है। जब हमारे बच्चे नशा छोड़कर जाते है तब हमें खुशी मिलती है। इसलिए सच्चा सौदा में सच्चा नशा राम-नाम का दिया जाता है और गंदे नशे को छुड़ाया जाता है।
विशाल नामचर्चा के दौरान नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूज्य गुरु जी द्वारा गाया गया भजन जागो दुनिया दे लोको भी सुनाया गया। जिसमें पूज्य गुरु जी ने ग्राम पंचायतों को गांव में नशा रोकने के लिए ठीकरी पहरा लगाने सहित अन्य जरूरी कदम उठाने का आह्वान किया है।
नामचर्चा के दौरान कविराजों ने आज दिन है कितना सुहाना….,मेरी नैया पड़ी मझधार में सतगुरु बेड़ी को पार लगा दे…., जलाल आने आए जलाल जिओ…., आई आई जनवरी आई बहार लेकर आई…, शाह सतनाम जी प्यारे जी…. सहित अनेक सुंदर भक्तिमय शब्द वाणी के माध्यम से समा बांधा।
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