गेहूं, जौ व चने में रोगों की शिकायत, विभाग ने बताए नियंत्रण के उपाय
ओढ़ा (सच कहूँ न्यूज)। रबी की फसल सरसों पककर लगभग तैयार हो चुकी है। ऐसे में कटान शुरू होने के साथ ही खेतों मेें व्यस्तता नजर आने लगी है। एक सप्ताह किसानों के अनुसार इस बार रबी की फसल अच्छी है। हालांकि अभी तक जोरों-शोरों से कार्य शुरू नहीं हुआ है। किसानों के मुताबिक कटान का कार्य शुरू हो चुका है लेकिन आगामी करीब एक सप्ताह के अंतराल में कार्य जोरों-शोरों से शुरू हो जाएगा।
सरसों में फंगस की शिकायत के चलते उत्पादन पर पड़ा विपरीत असर
नुहियांवाली के किसान दलीप नेहरा, लीलाधर जोशी, सुरजभान नेहरा, जगदीश सहारण, सीताराम नेहरा, प्रहलाद सार्इं, संजय नेहरा व महेन्द्र ज्याणी ने बताया कि इस बार रबी की फसल अच्छी है। पूर्व में मौसम में गर्मी के चलते गेहूं की फसल पर प्रभाव पड़ रहा था, लेकिन बीच में कुछ दिन मौसम अनुकूल रहने के चलते फसलों को पूरा लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि गेहूं पर पीला रतुआ व सरसों में फंगस की शिकायत रही। जिससे सरसों की फसल के उत्पादन पर कुछ विपरीत असर पड़ा है। किसानों के मुताबिक विगत वर्ष की तुलना में इस बार फंगस आदि कारणों के चलते सरसों की फसल कमजोर है। जबकि गेहूं की फसल अभी तक ठीक है।
ऐसे करें गेहूं में पीला रतुआ बीमारी की रोकथाम
कृषि विभाग से ओढां के सहायक तकनीक अधिकारी रमेश सहु ने बताया कि गेहूं व जौ की फसल हरे तेले की शिकायत मिल रही है। कुछ क्षेत्रों में गेहूं की फसल में पीला रतुआ का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसान हरे तेले के नियंत्रण के लिए 100 ग्राम थायोमेथॉजाम दानेदार दवा को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। पीला रतुआ के लिए 200 से 250 एमएल प्रोपिकोनाजोल दवा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।’
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