मल्टी लेयर बैरिकेंडिंग के चलते भारी आमजन की राह मुश्किल

Multilayer Barricade

दिल्ली में काम धंधे पर कीचड़ से होकर जाने को मजबूर

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कृषि कानूनों को रद्द और एमएसपी की गारंटी संबंधी कानून की मांग को लेकर पिछले 72 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। अब किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्डर इलाके में मल्टी लेयर बैरिकेंडिंग, सीमेंटिड दीवार और कंटीली तारें लगाई हुई हैं। इसके चलते दिल्ली में अपने काम धंधे के लिए जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। पहले चार बैरिकेडिंग पार करने के बाद धरना स्थल तक पहुंचा जा सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब यहां 8 लेयर की सुरक्षा की गई है और बरसात के चलते गलियों में खोदे गए गड्ढ़े व बिखरी मिट्टी से कीचड़ हो गया है, जिससे आमजन के फिसल कर गिरने का खतरा बढ़ गया है।

भूल-भुलैया जैसी गलियों में नहीं मिल पाता रास्ता

भूल भूलैया सी गलियों में पहली बार जाने वाला व्यक्ति तो समझ ही नहीं पाता है कि कौन सी गली किधर को निकलेगी। सबसे अधिक परेशानी टिकरी बॉर्डर के पास इंडस्ट्रियल इलाके में काम करने वालों को हो रही है। दिल्ली से यहां पहुंचने में उन्हें भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। मुंडका में जहां उन्हें बस छोड़ती है, वहां से औद्योगिक क्षेत्र तक जाने के लिए मेट्रो में व बॉर्डर पार करके ई-रिक्शा के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि 26 जनवरी की घटना के बाद पुलिस ने सख्ती बहुत ज्यादा कर दी है। अब आमजन के घरों को जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं। यहां सिर्फ पुलिस की गाड़ियां व सुरक्षाबलों के जवान टहलते दिखाई पड़ते हैं।

बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है।

 

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