क्या मुंह छिपा पाएगा पाक?

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पाकिस्तान के लिए अब मुंह छुपाना मुश्किल हो गया है। चूंकि अमेरिका द्वारा मुजाहिदीन सरगना सैय्यद सलाहुद्दीन को ‘ग्लोेबल टैरिरिस्ट’ घोषित कर दिया गया है। इस्लामाबाद ने सैय्यद सलाहुद्दीन का समर्थन करते हुए उसके आतंकी करार दिए जाने पर कड़ा एतराज जाहिर किया है। अब सलाहुद्दीन ने मीडिया में सरेआम कबूल कर लिया है कि उसी ने भारत में हमले करवाए हैं और वह आज भी हमले करवा सकता हैै।

जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों में यह पहली बार है कि जब किसी संगठन के प्रमुख ने यह स्वयं स्वीकार किया हो कि उसने ही हमले करवाए हैं। सैय्यद सलाहुद्दीन के कबूलनामे पर इस्लामाबाद चुप है।

सैय्यद सलाहुद्दीन के ब्यान ने सच्चाई को सामने लाकर इस्लामाबाद को पूरी तरह शर्मिंदा कर दिया हैै। हालांकि हाफिज मोहम्मद सैय्यद भारत विरूद्ध सदैव जहर उगलता रहता है, लेकिन मुम्बई हमले के मामले में उसने अपना हाथ इसमें शामिल होने से इन्कार कर दिया था।

अब अगर सैय्यद सलाहुद्दीन अपने किए कारनामे कबूल कर रहा है तब अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के तौर पर अमेरिका व अन्य देशों के लिए भी उसके विरूद्ध कार्यवाही करने का रास्ता साफ हो गया है।

इससे पहले हाफिज मोहम्मद सैय्यद के संगठन पर पाक को पाबंदी लगाने पर मजबूर होना पड़ा था। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां ऐसी हैं कि अब पाकिस्तान के लिए आतंकवाद का समर्थन करना मुश्किल हो गया है।

कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को पहले की तरह समर्थन देना आसान नहीं रहा। भारत द्वारा सयुंक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् में सैय्यद सलाहुद्दीन पर पाबंदियां लगाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

पाक का हितैषी चीन हमेशा ही भारत के प्रयासों को नाकाम बनाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए भारत को पूरी तैयारी के साथ सैय्यद सलाहुद्दीन पर शिकंजा कसने की आवश्यकता है।

अमेरिका व अन्य देशों को सैय्यद सलाहुद्दीन के विरूद्ध कार्यवाही के लिए पाक पर दवाब बनाने की जरूरत है। अगर ऐसा हो जाता है तब यह कश्मीर मामले में भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी।

पाकअधिकृत कश्मीर के लोग पहले ही पाकिस्तान सरकार, सेना व आतंकवाद से बुरी तरह परेशान हैं व बगावत कर रहे हैं। ऐसे हालातों में भारत का पाकिस्तान पर शिकंजा कसने का सही वक्त है।

उधर इज्ररायल से भारत को अत्याधुनिक ड्रोन हासिल हो जाएंगे, जिससे सीमापार आतंकवाद पर शिकंजा कसना आसान हो जाना है। निसन्देह भारत ने अमेरिका, इज्ररायल एवं यूरोपीय शक्तियों के साथ अपने संबंध मजबूत किए हैं। आतंकवाद के विरूद्ध भारत की तैयारी काबिले तारीफ है।

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