अतिव्यस्त दिनचर्या होने के कारण लोग अपने खाने में न तो जरूरी तत्वों की तरफ ध्यान रख पाते हैं और न ही शारीरिक व्यायाम के लिए समय दे पाते हैं भागदौड़ के इस आधाुनिक युग में आज आम इंसान फास्ट फू ड पर निर्भर होता जा रहा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। एक तरफ आज हम सुतुलित आहार को नजर-अंदाज करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हमारे खाना खाने के अनुचित तरीके भी बीमारियों का कारण बनते हैं।
ग्रीन टी के फायदे
हमारे स्वास्थ्य के लिए ग्रीन-टी बहुत ही फायदेमंद है। ग्रीन-टी को कैमिला साइनेसिस की पत्तियों को सुखाकर बनाया जाता है।
इसके फायदे इस प्रकार हैं:-
- ग्रीन-टी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
- ग्रीन-टी कैंसर सैल को बढ़ने से रोकती है। ग्रीन-टी नियमित पीने से मूत्राशय के कैंसर की आशंका न के बराबर रह जाती है।
- ग्रीन-टी ब्लडप्रैशर को नियंत्रण में रखती है।
- इसे पीने से दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम हो जाती है।
- ग्रीन-टी वजन कम करने में मदद करती है। यह फालतू कैलोरी बर्न करने में मदद करती है।
- दाँत के रोग फैलाने वाले बैक्टिरिया को ग्रीन-टी खत्म कर देती है। यह मुँह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टिरिया के विकास को कम कर देती है।
- ग्रीन-टी ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
- ग्रीन-टी में पाया जाने वाला अमीनो एसिड चिंता दूर करने में मदद करता है।
- ग्रीन-टी फूड पॉयज़निंग से बचाती है।
- ग्रीन-टी में हाई फ्लोराइड नाम का कैमिकल पाया जाता है, जो कि हड्डियों को मज़बूत रखने में मदद करता है।
- ग्रीन-टी एंटी एजिंग दवा का काम करती है। बुढ़ापे को दूर रखती है।
- जिन्हें एसिडिटी या तेज़ाब की समस्या रहती है, उन्हें ग्रीन-टी सुबह-सुबह खाली पेट नहीं पीनी चाहिए।
- हमेशा ताजी ग्रीन-टी पीएं।
- ग्रीन-टी के साथ दवा न लें। दवा पानी के साथ ही लें।
- हर चीज़ की अति खराब करती है, इसी तरह ग्रीन-टी को भी नियमित्र मात्रा में ही लेना चाहिए। प्रतिदिन 2-3 कप से ज्यादा ग्रीन-टी नहीं पीनी चाहिए।
ग्रीन-टी बनाने की विधि:
कप में ग्रीन-टी की पत्तियां डालें व उसके ऊपर उबला हुआ पानी डालकर 3-4 मिनट के लिए ढक दें। 3-4 मिनट बाद ग्रीन-टी तैयार /ग्रीन-टी को छलनी से छान सकते हैं।
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