बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Saint Dr. MSG) आदरणीय साहिबजादी बहन हनीप्रीत इन्सां (Honeypreet Insan) के साथ अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर करोड़ों साध-संगत से लाइव रूहानी रूबरू हुए। आपजी ने फरमाया कि प्यारी साध-संगत जीओ जब से हम आएं हैं, तब से आप लोग पूछ रहे थे कि एफडीडी (फादर डॉटर की जोड़ी) कब आएगी? आपकी ख्वाहिश थी कि आप हम बाप-बेटी की जोड़ी से सवाल पूछना चाहते हैं। बहुत सारी बात करना चाहते हैं तो लो आज हम आपके सामने आ गए हैं। हमारी बेटी भी साथ है। इसके पश्चात रूहानी बहन हनीप्रीत इन्सां ने साध-संगत द्वारा भेजे गए सवालों को पढ़ा, जिनका पूज्य गुरु जी ने एक के बाद जवाब देकर साध-संगत की जिज्ञासा को शांत किया। इस शुभ अवसर पर पूज्य गुरु जी की ओर से भेजे गए मोती चूर के लड्डू को खाकर साध-संगत खुशी से फूली नहीं समाई।
सवाल : ये कैसे पता करें कि कोई फैसला हमारे लिए सही है या नहीं? और हमें रूहानियत से दूर नहीं करेगा।
पूज्य गुरु जी : आप कैसे फैसला करें कि आपका फैसला सही है या नहीं, रूहानियत से दूर करेगा, कहीं ऐसा ना हो कि रूहानियत से दूर हो जाएं आप इस डाउट में हैं तो आप सुमिरन कीजिये, भक्ति कीजिये, चलते, काम-धंधा करते और फिर आप बैठकर और सोते-सोते सुमिरन कीजिये। जागते या सोते आपको आभास हो जाएगा कि कौन सा कार्य आत्मिक है और कौन सा मन वाला। तो मन वाला छोड़ दीजिये, आत्मिक कार्य पर चलते जाइये, यकीनन सफलता मिलेगी।
सवाल : पापा जी दीदी के रूप में हम अपने आप को देखते हैं, ऐसे लगता है कि हम भी अपने पापा के पास हैं।
जवाब : हाँ, ये सच है। ये बिटिया आप सबमें से ही है। एक भक्त है। और लगना भी चाहिए, क्योंकि रूहानी बहन है आपकी, हमने बोला है।
सवाल : पिताजी आजकल की जिंदगी में फोन बहुत चलाया जाता है, प्लीज बताओ कि इसको कम कैसे करें?
पूज्य गुरु जी : फोन का एक समय निश्चित हो, अगर पॉसीबल हो, जैसे आप लोग गेम में लगे रहते हो। कई तो रात को गेम में या कुछ स्टोरिज होती हैं, उनमें लगे रहते हैं। सारी-सारी रात भी निकाल देते हैं। सुबह उठा नहीं जाता। क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त तो वहीं हो जाता है और भगवान जी सोचते हैं कि मेरा भक्त मेरे को तो याद नहीं कर रहा है। तो आप एक टाइम निश्चित कीजिये, उस टाइम पर ही फोन को देखें, आदत बनाइये तो जाकर सुधरेगा। और इसके लिए सुमिरन कीजिये, आत्मबल आएगा, तभी आदत बन पाएगी।
सवाल : पिता जी मेरा फेस बहुत ज्यादा डल है और डार्क भी है, कुछ ऐसे टिप्स बताएं कि फेस ग्लो करने लग जाए?
जवाब : फेस तो बेटा भगवान की बनाई चीज है। लेकिन आप उसे संभालेंगे तो जरूर अच्छा हो जाएगा, थोड़ी केयर करो। डल नहीं है, आपकी सोच में ज्यादा डलनैस है तो उसको थोड़ी सी दूर कर दो और अपने आप को ये सोचो कि मैं सबसे सुंदर हूँ, सबसे अच्छा हूँ तो नैचुरली आपकी हीन भावना दूर हो जाएगी। और बाकी शरीर के लिए जैसे फेस के लिए स्पेशली टिप्स आयुर्वेदा में बहुत सारे हैं, आप निकालेंगे तो मिल जाएंगे, आपके हाथों में फोन है तो उससे निकल आएंगे। अमल करें, यकीनन ठीक होंगे।
सवाल : पिता जी 2-3 साल के बच्चों को जल्दी कोल्ड कफ हो जाता है, उसके लिए कुछ बताएं?
पूज्य गुरु जी : बच्चों को दूध वगैरहा आप पिलाते हैं तो उसमें तुलसी जरूर डाला करें। क्योंकि तुलसी, खासकर श्याम तुलसी तो उससे उनकी अंदर की शक्ति बढ़ेगी और वो जरूर बच पाएंगे कोल्ड कफ से।
सवाल : पिता जी प्रेमी के साथी दोस्त कैसे होने चाहिए?
पूज्य गुरु जी: प्रेमी का दोस्त प्रेमी हो तो उससे अच्छा तो कुछ भी नहीं है। अदरवाइज जिससे आपके विचार मिलते हों, वो भी दोस्त हो सकता है।
सवाल : पिता जी शरीर को फिट रखने के लिए डाइट व एक्सरसाइज रूटीन के बारे में बताएं जी।
जवाब : अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो खाने से पहले आधा घंटा सलाद वगैरहा लें और कुछ फ्रुट वगैरहा लें 12 बजे से पहले-पहले। और फिर आप खाना खाएं, लेकिन खाना 40 पर्सेंट और 60 पर्सेंट ज्यादातर सलाद होना चाहिए, कि नेगेटिव एनर्जी बोलते हैं उसको। और फिर जॉगिंग करें, हमने जॉगिंग की है बहुत, लगभग 7-8 किलोमीटर सुबह, इतनी ही शाम को और कई बार तो इससे भी ज्यादा-ज्यादा। और गेम्स वगैरहा, एक्सरसाइजिज आदि जो भी आप कर सकें। वो जरूर करें, लेकिन खाना छोड़कर वजन कम करना, हमें नहीं लगता कि ये सही चीज है। इससे आपके चेहरे का नूर उड़ जाता है। फिर सौ तरह का मेकअप करते फिरोगे, अच्छा है ओरिजनल नूर भी रहे और वजन भी कम हो जाए। तो इसके लिए डाइट को बैलेंस कीजिये और एक्सरसाइज कीजिये तो यकीनन वजन कम होगा।
सवाल : पिता जी हम जो भी पूछने वाले होते हैं आपको पहले कैसे पता चल जाता है? और आप पहले ही आंसर दे देते हो?
पूज्य गुरु जी : तो हकीकत ये है कि आप लोगों की तरंगें होती हैं, जिन्हें कहते हैं आत्मिक तरंगें, सोच की तरंगें तो पीर-फकीर जब आपके सामने बैठता है तो नैचुरली वो तरंगें हिट करती हैं और वो परमपिता परमात्मा ही उन तरंगों को संतों के अंदर आवाज के रूप में दे देता है कि इस तरंग को इस तरह से जवाब दो। ये आई हुई तरंग को इस तरह से जवाब दो। तो आपकी अभी सोच में चल रही होती है, इसलिए वो आपके सामने पीर-फकीर बोल देता है। तो ये भगवान की कृपा है, सतगुरु की कृपा होती है।
सवाल : पिता जी जो हम खाना खाते हैं, ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर, वो हम कैसा खाएं। गर्म, ठंडा या नॉर्मल?
जवाब : ये तो अलग-अलग आदत है, कई लोग ठंडा ही खाते हैं। कई गर्म बहुत ज्यादा खाते हैं। लेकिन नॉर्मली बहुत ज्यादा गर्म नहीं खाना चाहिए और बहुत ठंडा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि दोनों ही नुक्सानदायक हैं। तो जितना बॉडी टैम्प्रेचर है, उसके अनुसार अगर खाया जाए तो सबसे बैस्ट रहता है।
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