उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराने का आदेश दिया
नई दिल्ली (एजेंसी)। MP में 17 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस की। उन्होंने कहा कि भाजपा को 15 साल मिले और मुझे 15 महीने मिले। कमलनाथ की प्रेस कॉन्फ्रेस के पहले भाजपा विधायक शरद कोल ने भी इस्तीफा दे दिया।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया इस्तीफे का ऐलान
- बीजेपी पर लगाया सरकार गिराने का आरोप
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने दो दिनों तक चली मैराथन सुनवाई के बाद गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष को यह आदेश जारी किया। देर शाम तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने कुछ समय का ब्रेक लिया। करीब छह बजे न्यायालय आदेश सुनाने के लिए बैठा। खंडपीठ ने कहा कि मध्य प्रदेश में कल विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण का काम पूरा करना होगा।
न्यायालय ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने का भी निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि यदि ऐसी कोई व्यवस्था हो तो कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की जा सकती है। खंडपीठ ने विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पैनल न होने की जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि विधायक हाथ उठाकर ही अपना मत देंगे। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों को आदेश दिया कि यदि 16 बागी विधायक बहुमत परीक्षण में हिस्सा लेना चाहते हैं तो वे उन्हें आवश्यक सुरक्षा मुहैया करायेंगे। इससे पहले मामले की दूसरे दिन की सुनवाई वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों से शुरू हुई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति की ओर से दलीलें देते हुए कहा कि विपक्ष केवल बहुमत परीक्षण का मंत्र जप रहा है, जो विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश है।
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