फिल्में, अपराध व राजनीति

Movie
Movie

पंजाब सरकार ने एक गैंगस्टर पर आधारित फिल्म ‘शूटर’ पर रोक लगा दी है। हालांकि केन्द्रीय फिल्म सैंसर बोर्ड ने इसे स्वीकृति दे दी है। स्पष्ट है कि राजनीतिक हिसाब-किताब से यह फिल्म अन्य राज्यों में रिलीज होगी। पंजाब में कांग्रेस सरकार है व जिस गैंगस्टर से यह फिल्म संबंंधित थी वह भी पंजाब से संबंधित है। मामला न केवल कला का है बल्कि राजनीति का भी है। पंजाब की कांग्रेस सरकार की सख्त मिजाजी इस बात से भी स्पष्ट है कि फिल्म निर्माता व प्रमोटर के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है। पंजाब सरकार का दावा है कि फिल्म युवाओं में हिंसक प्रवृति पैदा करेगी। नि:संदेह युवाओं को हिंसक बनाने वाली फि ल्मों पर कार्रवाई के लिए ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन गैंगस्टरों के राजनीतिज्ञों के साथ संबंधों पर सरकारें हमेशा ही चुप्पी साधती आई हैं।

गैंगस्टरों को राजनीतिज्ञों द्वारा अपने हितों के लिए इस्तेमाल किए जाने के मामले जग जाहिर हैं, फिर भी सरकारें उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत तक नहीं जुटा सकीं। बहुत सी ऐसी फिल्में भी हिट साबित हुई हैं जिनमें राजनीति व अपराध एक-दूसरे के साथ जुडेÞ हुए दिखाए गए। वास्तव में पंजाब के गैंगस्टर गैंगवार के कारण अधिक चर्चा में आए हैं। कोई युवक गैंगस्टर क्यों बनता है, कौनसी परिस्थितियां एक इन्सान को गैंगस्टर बनने के लिए मजबूर कर देती हैं? उन चीजों की तरफ सरकारों ने कभी भी ध्यान नहीं दिया। बॉलीवुड सहित कई पंजाबी फिल्में आ चुकी हैं, जिनमें गैंगस्टर बनने का कारण राजनीतिक सिस्टम में खराबी होती है, सरकार ने उन फिल्मों से सीखने की कभी भी जहमत नहीं उठाई। कला के विषय में सरकार के मापदंड दोहरे नहीं होने चाहिए। ‘शूटर’ फिल्म पंजाब के लिए अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा का भी सवाल है।

वैसे यह बात अभी कुछ दूर की कौड़ी है कि सरकारें किसी फिल्म पर पाबंदी लगाने के साथ-साथ किसी प्रदर्शित फिल्म से भी सबक लेंगी।र् गैंगस्टर्स को राजनेताओं द्वारा अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किए जाने के काले अध्याय को स्वीकार करने की हिम्मत अभी किसी भी राजनीतिक पार्टी में नजर नहीं आ रही। भले ही कुछ गायकों के खिलाफ हिंसक शब्दावली इस्तेमाल किए जाने के दोष में पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं, लेकिन सरकार किसी दिशा-निर्देशक निर्णय पर पहुंचती नजर नहीं आ रही।

जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।