Mother’s Day Special : माँ का हाथ थामें हम

बच्चों को पालने और संभालने की जद्दोजहद में माँ स्वयं को दोयम दर्जे पर ही रखती है। हर माँ अपने उत्तरदायित्व पूरे मनोयोग से निभाती है। खुद को भुलाकर माँ ना सिर्फ बच्चों को जीवन का ककहरा सिखाती है बल्कि जीवन जीने और संवारने का पाठ भी पढ़ाती है। सबसे बडी बात यह है कि माँ का मन सब कुछ निस्वार्थ भाव से करता है। ऐसे में बड़े हो जाने पर बच्चों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे भी माँ को संभालें। माँ के मन को समझें। बच्चों की भी जवाबदेही है कि उन्हें ज्ञान और पहचान देने वाली माँ का मान करें। उनकी सेहत की संभालें करें। मन की कही -अनकही पीड़ा को समझें।

माँ की सुनें मन से

माँ को सब पता होता है। जो हम बताते हैं वो भी और नहीं नहीं बताते वह भी। माँ बिन कहे बच्चों का मन पढ़ना जानती है। कहा भी जाता है कि एक बच्चा माँ से छुप सकता है पर कुछ छुपा नहीं सकता। माँ का स्वभाव ही ऐसा होता है वो बिन कहे बच्चों के सुख-दुख जान समझ लेती है। ऐसे में बड़े हो चुके बच्चों को भी चाहिए कि माँ की बात मन से सुनें। उसके मन के भाव जानें और समझें। बच्चे जब माँओ के साथ समय बिताते हैं, मन से माँ की सुनते हैं तो इससे बढकर आत्मसंतुष्टि देने वाला उनके लिए और कुछ नहीं होता।

माँ के अलावा बच्चों के लिए संसार का कोई रिश्ता ऐसा नहीं होता जहां वे खुलकर अपनी बात कह पायें। अपने मन की बात बतायें। वो भी बिना किसी भय के। हर बच्चा यह जानता है कि माँ के संवेदनशील हृदय के द्वार उसके लिए हर परिस्थिति में खुले हैं। तभी तो जो मन में है बच्चा माँ के सामने बिना किसी फिक्र के सब कह जाता है। जिस तरह माँ से बतियाते समय मन में कोई बाध्यता कोई असहजता नहीं होती। उसी तरह माँ भी अपने मन के भाव हमें खुलकर बता सके इसके लिए बच्चों को सम्मान पूर्वक माँ की बात जरूर सुननी चाहिए।

हम आभारी हैं माँ

माँ तुम सबसे अच्छी हो। ये कह के देखो। माँ का मन कितना खुश होता है। संसार की हर माँ सुख देकर ही सुख पाना जानती है। तभी तो परिवार और बच्चों के प्रति अपनी जवाबदेही को मन से निभाती है। माँ अपने बच्चों के लिए जो करती है उसका आभार शब्दों में नहीं जताया जा सकता। लेकिन माँ को यह जानने का हक है कि उसके बच्चे उससे बहुत प्यार करते हैं। माँ जो दिनभर भागती दौड़ती है और अपने बच्चों को जरूरत के समय अकेला नहीं छोड़ती वो बच्चों से ऐसा स्नेह पाकर खुशी से झूम उठती है।

माँ का मन बच्चों के मन की बात बिन बोले जान लेता है। बच्चे दु:ख तकलीफ में होते हैं, माँ को दर्द उसे महसूस होता है। बच्चे के चेहरे पर मुस्कराहट माँ की खुशियों एक लिए संजीवनी होती है। माँ अपनी खुशी सदा अपने बच्चों में ही देखती है। इसीलिए माँ को मन से कहें कि हमें तेरी परवाह है माँ। सब कुछ संभालने वाली माँ को अक्सर ही बड़े हो चुके बच्चों की उपेक्षा झेलनी पड़ती है।

माँ का मान करें

माएँ अपनी जिम्मेदारियों की भागदौड़ में कभी नहीं थकती हैं।बच्चों के लिए भागमभाग करते हुए उनकी ऊर्जा कभी कम नहीं पड़ती।कहते भी हैं कि माँ को हमारी समस्याओं से परेशानी हो सकती है हमसे नहीं। लेकिन बच्चों का व्यवहार रुखा हो तो माँ का मन थक जाता है।अपने ही बच्चों की बेरुखी माँ के मन को बड़ा दर्द देती है।माँ का दिल खुद को कमजोर पाता है, जब बच्चे उसकी अनदेखी करते हैं।

इसीलिए माँ, जो जन्म के बाद अपने बच्चों को कुछ देती ही है लेती नहीं, उसका मान करना हर बच्चे की जिम्मेदारी है। मैं जो कुछ हूं, या जो भी होने की आशा करता हूँ, उसके लिए मैं अपनी फरिश्ता मां का ऋणी हूं ‘ यह कथन अब्राहम लिंकन का है।असल में देखा जाय हर बच्चा, उम्र के हर पड़ाव पर माँ का ऋणी होता है। इसके लिए उसे जितना सम्मान दिया जा कम ही है।

माँ की सेहत संभालें

एक माँ की सेहत की संभाल की पहल उसके बच्चे करें तो इससे बेहतर क्या हो सकता है? साल में कम से कम एक दिन माँ के हेल्थ चेकअप के नाम करें। क्योंकि अपनी जिम्मेदारियों से जूझने वाली माँएं अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता सूची में दोयम दर्जे पर ही रखती हैं। सेहत के ऐसे कई पहलू है जिनकी जिसमें हमारे परिवार माँ की अनदेखी करते हैं। ऐसे में बच्चे एक नई शुरूआत कर सकते हैं।

नई पीढ़ी अगर माँ को लेकर अपना नजरिया बदले और सहयोगी रुख अपनाएं तो यह एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। बच्चों को यह समझना होगा कि माँ अपनी सेहत का हाल स्वयं नहीं कहती। जिंदगी के किसी भी नकारात्मक मोड़ पर बच्चे अपनी माँ को सहारा देने वाले शक्ति स्तंभ के रूप में खड़ा पाते हैं। ऐसे में बच्चों को भी माँ की सेहत के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभाना चाहिए।

मनोबल ना टूटे माँ का

माँए अपने बच्चों को व्यवहार से लेकर संस्कार तक, हर पहलू को गहराई से समझती हैं। इसलिए उनकी उपेक्षा सहना वाकई मुश्किल होता है।अपने अनुभवों को वास्तविकता का रंग देकर हर माँ अपने बच्चों को भावी जीवन के लिए तैयार करती है। अपने बच्चे की कमजोरियों को दुनिया से भले ही छुपाती है पर स्वयं उन्हें हकीकत से रूबरू करवाना नहीं भूलती। जीवन के हर कदम पर उन्हें मनुष्यता का पाठ पढ़ते हुए एक बेहतर बुनियाद तैयार करती है।

माँ आशारहित और धुँधलाये जीवन में भी रौशनी की किरण दिखाती हैं। कहा भी गया है कि ह्लइंसान वो है जो उसे उसकी माँ ने बनाया है.ह्व ऐसे में व्यक्तित्व को पूर्णता-सम्पूर्णता देने वाली माँ बच्चों से स्नेह भरे व्यवहार की उम्मीद करती है।हर बच्चे यह कोशिश होनी चाहिए कि जीवन की बुनियाद बनाने वाली माँ का मनोबल कभी ना टूटे।

                                                                                                             – डॉ. मोनिका शर्मा

Mother's Day Special

मां को सिखाएं डिजीटल काम

बच्चे अक्सर मां से कहते हैं कि आपको स्मार्टफोन चलाना नहीं आता, आप ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर सकतीं या आप रहने दीजिए हम कर लेंगे। यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि मां ने भी आपको धैर्य रखकर बैठना-चलना, पढ़ना-लिखना और न जाने क्या-क्या सिखाया था। आपका पालन-पोषण करने के लिए पता नहीं मां क्या-क्या दुख सहन करती है। इसीलिए अब हमारा भी यही कर्तव्य बनता है कि हम मां के लिए कुछ समय निकालें और उन्हें वह जानकारियां दें जो काम वह खुद कर सकती हैं।

मां को घर में सिखाएं यह काम:

1. ऑनलाइन एफडी: आजकल ऑनलाइन बैकिंग का ही चलन है। इसीलिए मां को भी बैंक से संबंधित ऑनलाइन कार्य की जरूरी जानकारी दें। इसमें पैसे भेजना तो अमूमन सभी सिखा देते हैं, लेकिन कुछ अन्य जानकारी भी शामिल करें। इसमें ऑनलाइन एफडी कैसे की जाती है, पैसों की कैसे फिक्स डिपोजिट करते हैं, कितने रूपये से एफडी की जा सकती है, कैसे एफडी रिन्यू होती है, कब एफडी खत्म करवा सकते हैं, कितने प्रतिशत ब्याज मिल रहा है इत्यादि जानकारियां दें।

2. वित्त की जानकारी: महिलाएं इस मामले में अक्सर अपने पति पर निर्भर रहती हैं। ऐसे में आप उन्हें बता सकते हैं कि बीमा क्या है, क्यों लिया जाता है, महिलाओं के लिए कौन सी सुविधाएं हैं। यदि बीमा लिया है तो उन्हें बताएं कि किश्त कब किस तारीख को आती है और वो कैसे भर सकती हैं। हो सकता है उन्हें समझने में थोड़ा समय लगे लेकिन जब वो ये खुद करेंगी तो उनमें अलग ही आत्मविश्वास नजर आएगा।

3. मां को जिम्मेदारियां दें: सिखाने का मतलब ये नहीं कि बस बता दिया और हो गई फुर्सत। सिखाने का मतलब है कि उन्हें अब उसकी जिम्मेदारी भी दी जाए। आप आज से बिजली बिल भरना, टीवी रिचार्ज, मोबाइल रिचार्ज, पानी का बिल भरना व चैक करना इत्यादि जिम्मेदारी उन्हें सौंप दें। उन्हें यह भी बताएं कि किस तारीख को बिल जनरेट होता है और कैसे व कहां पर इसका नोटिफिकेशन आता है। उस बिल की आॅनलाइन पेमेंट करने का तरीका भी बताएं।

4. सामान मंगवाना: कोरोना के कारण बड़े-छोटे शहरों में सब्जी, दूध व सब्जियों की होम डिलीवरी हो रही है। ऐसे में बच्चे ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं या घर के पुरुष गृहिणी से लिस्ट बनवाकर सामान मंगवा रहे हैं। इसकी जिम्मेवारी घर की महिला को ही दी जाए ताकि वो सीख सकें और जान पाएं कि किस तरह से सामान सिलेक्ट करते हैं और उसकी मात्रा आदि कैसे तय की जाती है। मात्रा व मूल्य के अनुसार ही ऑर्डर करना सीख लें, तो उनका काफी काम भी आसान हो जाएगा।

5. सब्सक्रिप्शन कैसे लें: इस वक्त सभी घर में हैं। ऐसे में सभी मिलकर टीवी देख रहे हैं। लॉकडाउन में वेबसीरिज की काफी लोकप्रियता बढ़ी है। लेकिन इन्हें देखने के लिए भी अलग-अलग प्लेटफार्म हैं, जिनका सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है। यदि आप भी ओटीटी प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं और हर महीने सब्सक्रिप्शन लेते हैं तो ये अपनी मां को भी बताएं। उन्हें जानकारी तों दे हीं साथ ही सब्सक्रिप्शन लेना भी सिखाएं।

                                                                                         -संकल्न व डिजाइनिंग: मनदीप सिंह

मां को तोहफा देना तो बनता है

जब कोई एक दिन स्पेशल मां के लिए बना हो तो क्यों न इस दिन को यादगार तरीके से मनाया जाए। ऐसे में हमारा भी कर्तव्य बनता है कि इस दिन हम भी कुछ खास करके अपनी मां को खुशी दें। इस बार कोरोना में कई प्रकार की पाबंदियां लगी हुई हैं। कई जगहों पर लॉकडाउन लगा हुआ है। लॉकडाउन में बाहर न जाकर घर पर ही क्या-क्या प्लान कर सकते हैं। इसके बारे में हम कोई स्पेशल टिप्स दे रहें।

घर में बनाएं पकवान

हम अपनी मां को घर में ही कुछ खास पकवान बनाकर खिलाएं। हमें घर में पता तो होता ही है कि मां सबसे ज्यादा क्या खाना पसंद करती है, तो उन्हें वही पसंदीदा डिश बनाकर परोसें। कोरोना में रेस्टोरेंटों व होटलों से होम डिलवरी हो रही है। आप उनकी पसंद का खाना बाहर से भी मंगवाकर परोस सकते हैं।

पंसद का गिफ्ट दें

मां की जरूरत के हिसाब और उनकी पंसद कोई चीज आप उन्हें गिफ्ट करें। ऐसा करने से मां को अच्छा लगेगा और आप भी जब अपनी मां के पास वो गिफ्ट देखेंगे तो आपको भी अच्छा लगेगा।

पुरानी यादों को करें ताजा

कोरोना के कारण आजकल ज्यादा वक्त हमें घरों में ही बिता रहे हैं। ऐसे में मां से अपने बचपन की बातें करें। आप देखें कि आपके बचपन की बात बताते हुए उनके आंखों में एक अलग ही चमक है। इसके अलावा आप चाहे तो एल्बम निकालकर मां के साथ पुरानी यादों को ताजा कर सकते हैं।

ऐसे भी बनाएं खास दिन

यदि आप गाते हैं तो मदर्स डे पर कुछ अच्छा गाकर मां को समर्पित करें। वहीं, अगर आपकी लिखने में दिलचस्पी में है तो मां के लिए कविता लिख सकते हैं। मदर्स डे आपका ये गिफ्ट मां को हमेशा याद रहेगा।

तस्वीरों का बनाएं वीडियो

तस्वीरें हमारी जिंदगी का सबसे खूबसूरत गवाह होती हैं। ऐसे में आप भी मदर्स डे के खास मौके पर मां के साथ प्यारी-प्यारी तस्वीरें निकालकर एक वीडियो बना लें। आप चाहे तो इस वीडियो में मां के प्रति जो आपके मन में हो वह कह सकते हैं। इससे मां बहुत ही ज्यादा स्पेशल महसूस करेगी।

वीडियो कॉल करें

यदि आप अपनी मां से दूर हैं तो उन्हें वीडियो कॉल करें और उनसे ढ़ेर सारी बातें करें। ऐसे में वह आपकी और आप उनकी भावनाओं और प्यार को समझ सकते हैं।

ग्रीटिंग बनाकर दें

किसी कारण से आप अपनी मां के साथ मदर्स डे का दिन नहीं बिता पा रहें तो उनके लिए पहले से ग्रीटिंग कार्ड बना सकते हैं। इस कार्ड में अपनी भावनाएं लिखें। इसके अलावा कार्ड में आप ऐसी बाते लिखें जो मां को अच्छी लगें।

काम में मां का हाथ बंटाएं

मां तो रोजाना पूरे घर का काम खुद ही करती हैं। लेकिन आप चाहे तो एक दिन के लिए ही सही अपनी मां को आराम दे सकते हैं। उनके कार्यों को आप खुद करें। यदि पूरे काम नहीं तो घर की सफाई, खाना बनाने आदि में तो साथ दे ही सकते हैं। असल में यह आपकी मां के लिए सबसे बेस्ट गिफ्ट होगा।

 

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