चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि उनकी सरकार ने बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है जिसके चलते राज्य के 80 प्रतिशत से अधिक गांवों को 24 घंटे से अधिक समय बिजली मिल रही है। खट्टर ने शुक्रवार को यहां हरियाणा विद्युत नियामक आयोग द्वारा आयोजित नियामक मंच (फोर्म आॅफ रेगुलेटर्स) की 83वीं बैठक को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये यह बात कही। उन्होंने अन्य राज्यों से आए विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्षों और सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि गत लगभग आठ वर्षों में हरियाणा ने बिजली के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसकी बदौलत आज हरियाणा बिजली के मामले में देशभर में अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि गांवों को 24 घंटे बिजली प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में कुरुक्षेत्र से ह्यम्हारा गांव – जगमग गांवह्य योजना की शुरूआत की। इस समय राज्य के 80 प्रतिशत अधिक यानि लगभग 5680 गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है।
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उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में मुफ्त बिजली देने की शुरूआत हुई है लेकिन राज्य सरकार ने इस अवधारणा को नकारा है, क्योंकि मुफ्त बिजली का मतलब बिजली नहीं। इससे न तो उपभोक्ताओं का भला होता है और न ही सरकार का। हरियाणा के लोगों ने भी इस बात को समझा है और वे सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य में बिजली के बिल न भरने की प्रथा पर करारा प्रहार किया गया है। वर्ष 2015 में बाढ़डा में एक जन रैली के दौरान वहां के नागरिकों से एक नेता ने बिजली के बिल भरने की अपील की और यही संदेश प्रदेशभर के नागरिकों तक पहुंचाया। इस पहल में लोगों ने भी हमारा सहयोग किया और आज हरियाणा बिजली क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।
8 वर्षों में बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की
उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने ओवरचार्ज माफ कर उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई। इतना ही नहीं, डिफॉल्ट हो चुके उपभोक्ताओं को बिजली बिलों की मूल राशि का किस्तों में भुगतान करने का विकल्प प्रदान किया गया और करोड़ों रुपये का ब्याज और सरचार्ज भी माफ किया गया। राज्य सरकार द्वारा किए गए पहलों के बल पर ही गत दो वर्षों में एनर्जी एफिशिएंसी रैंक में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हुआ है। उनकी सरकार ने गत आठ वर्षों में बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की है, बल्कि बिजली दरें घटाकर लोगों को राहत पहुंचाई है। एफएसए 37 पैसे था जो समाप्त कर दिया। बिजली की दर 150 यूनिट तक 4.50 रुपये प्रति यूनिट थी, जिसे 200 यूनिट तक 2.50 रुपये तथा 50 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने पर दो रुपये प्रति यूनिट किया गया है।
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