Bangladesh Hindus Protest : बांग्लादेश (एजेंसी)। बांग्लादेश में हिंसात्मक गतिविधियों के बीच शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार की स्थापना की गई, जिसकी समाप्ति शनिवार को देश के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल के जबरदस्ती दिलवाए गए इस्तीफे के रूप में हुआ। इसी दौरान बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कई हमलों की खबरें भी प्रकाश में आईं। Bangladesh News
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में से लगभग 8 प्रतिशत हिंदुओं ने ऐतिहासिक रूप से विपक्षी गुट को छोड़ शेख हसीना की धर्मनिरपेक्ष अवामी लीग पार्टी का समर्थन किया है, जिसमें एक कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी भी शामिल है। एक मीडिया रिपोर्ट में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद, बांग्लादेश में कम से कम दो हिंदू संगठनों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर 52 जिलों में कम से कम 205 हमलों का शिकार होना पड़ा है।
‘‘हम सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमारा जीवन विनाशकारी स्थिति में है”
रिपोर्ट में बताया गया कि शुक्रवार को बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद ने नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के समक्ष ऐसे हमलों के आंकड़े रखे, जिन्होंने हाल ही में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी। रिपोर्ट में कहा, ‘‘हम सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि हमारा जीवन विनाशकारी स्थिति में है। हम रात में जागकर अपने घरों और मंदिरों की रखवाली कर रहे हैं। मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा। हम मांग करते हैं कि सरकार देश में सांप्रदायिक सद्भाव बहाल करे।’’
मीडिया रिपोर्ट में यूनिटी काउंसिल के प्रेसिडियम सदस्य काजल देवनाथ ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों पर हमला करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। किसी भी अल्पसंख्यक व्यक्ति पर राजनीतिक कारणों से किया जाने वाला हमला अस्वीकार्य है। अपराध करने वाले को सजा जरूर मिली चाहिए। घरों को जलाने और लूटने से न्याय नहीं मिलेगा।’’ खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि देश में हिंदुओं पर हमले मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे लोगों द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये घटनाएं किसी ‘व्यवस्थित एजेंडे’ का हिस्सा नहीं थीं। Bangladesh News
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