शहर में सड़कों पर दौड़ रहे करीब 100 से अधिक ई-रिक्शा
अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) ई-रिक्शा शहर में जब आया तो शहरवासी खुश हुए। देखते ही देखते साइकिल रिक्शा गायब हो गए और ई-रिक्शा शहर में यातायात की लाइफलाइन बन गया। आज ई-रिक्शा शहर के ट्रैफिक के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन हुए हैं, जिनसे दुर्घटना व जाम की सबसे बड़ी मुसीबत पैदा हो रही है। शहर में ई-रिक्शा यातायात साधन के साथ-साथ लोगों के मुसीबत बन गए है।
यह भी पढ़ें:– सुनाम में सड़क का निर्माण कार्य शुरू, 36 लाख रूपये की राशि होगी खर्च
जहां यह परमिट के बिना चल रहे है, वहीं इनका कोई रुट निर्धारित नहीं है। मनमानी तरीके से पूरे शहर में दौड़ने की वजह ये शहर की यातायात व्यवस्था भी इस कारण प्रभावित होने लगी है। चौराहों, तिराहों व अन्य बाजारों में इनका जमावड़ा लगा रहता है। इससे जाम की स्थिति बन जाती है। शहर में करीब 100 से अधिक ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे लोगों को सुविधा तो मिली लेकिन यातायात भी प्रभावित होने लगा है। बस स्टैंड, रेलवे रोड, कॉलेज रोड़, बाजार नंबर-12 के बाहर इनका जमावड़ा लगा रहता है। बसों व रेलवे गाड़ी आते ही ई-रिक्शा चालक यात्रियों को ई-रिक्शा में बैठाने की कोशिश करने लगते हैं।
ई-रिक्शा चालक ट्रैफिक नियमों का नहीं करते पालन
समाजसेवी व बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने बताया कि शहर में दर्जनों की तादाद में घूमने वाले ई-रिक्शा चालक जहां ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। कई बार तो चालक के एक हाथ में हैंडल तो एक हाथ में मोबाइल पकड़ा होता है। वहीं बिना आगे-पीछे देखे जहां कोई सवारी दिखी अपने वाहन को घुमा देते हैं व कई बार तो बीच सड़क में रिक्शा रोककर सौदेबाजी करने लगते है। इससे बेशक प्रदूषण कम होगा, लेकिन रेलवे रोड व बस स्टेंड के बाहर यह लाइनें लगाकर खड़ा कर लेते है, जिस कारण यातायात प्रभावित होता है। कई जगहों पर इन्होंने व अवैध स्टेंड बना लिए है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।