Punjab Weather Report: पंजाब में मॉनसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन राज्य में पहुंचते ही मॉनसून सुस्त हो गया है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो सिर्फ गुरदासपुर में ही बारिश हुई है। वहीं पूरे प्रदेश में गर्मी और उमस रही। इसके साथ ही आज रात 11 बजे जारी अलर्ट में कहा गया है कि अगले कुछ घंटों में संगरूर, पटियाला, एसएएस नगर और फतेहगढ़ साहिब में बारिश हो सकती है। Punjab Weather Report
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मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगले 5 दिनों तक पंजाब में बारिश को लेकर कोई अलर्ट नहीं है। इसलिए बादल छाए रहेंगे और ह्यूमस बढ़ेगा। सैटेलाइट तस्वीरों में भी पंजाब पर कोई खास बादल मंडराते नजर नहीं आ रहे हैं। इसके बाद पंजाब में किसी भी तरह की बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। Punjab Weather Report
हालांकि, मानसून की दस्तक के साथ ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद नमी और ह्यूमस बढ़ने से भी लोगों की परेशानी बढ़ रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान गुरदासपुर में 12 मिमी, फरीदकोट में 0.80 मिमी, फिरोजपुर में 0.5 मिमी और मोहाली में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। आज मोहाली में बारिश हुई है। इसके अलावा पंजाब में कहीं भी बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग की ओर से सुबह जारी न्यूनतम तापमान में पंजाब में पिछले दिन के मुकाबले 1.1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि आम नहीं है।
मॉनसून के लिए अभी 3 दिन करना होगा इंतजार
भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में अगले दो-तीन दिनों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 28 जून को दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर के शेष हिस्सों और राजस्थान के कुछ हिस्सों की ओर आगे बढ़ गया। मॉनसून की उत्तरी सीमा बीकानेर,नारनौल, फिरोजपुर से होकर गुजरती है।
यही एक सबसे बड़ी वजह है कि हरियाणा में मॉनसून के आने में अभी 2 से 3 दिन लग सकते हैं। पूर्व पश्चिम ट्रैफ अब उत्तर पश्चिमी राजस्थान से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक, उत्तर पूर्व राजस्थान, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्र, दक्षिणी झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल पर निम्न दबाव क्षेत्र तक चल रहा है। वर्तमान में मानसूनी हवाएं औसतन रूप से समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ अब एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में जम्मू कश्मीर के ऊपर समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है। यही वजह है कि वर्तमान में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही है।