नई दिल्ली (सच कहूँ डेस्क)। पेगासस जासूसी, महंगाई, कृषि कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण प्रश्नकाल पूरा नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, और शिरोमणि अकाली दल सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू किया, साथ ही हंगामा कर रहे सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने स्थान पर जाएं और प्रश्नकाल में किसान की समस्याओं से संबंधित अपने सवाल सरकार से पूछें। लेकिन वे नहीं माने और जोर जोर से नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही करीब 40 मिनट तक प्रश्नकाल चलाया लेकिन हंगामा थमता न देख उन्होंने 20 मिनट पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
लोकसभा में शून्यकाल 11वें दिन भी रहा बाधित
लोकसभा के मानसून सत्र के 11वें दिन भी आज कोई कामकाज नहीं हुआ और विपक्षी सदस्यों का पेगासस, किसानों के मुद्दे और महंगाई को लेकर हंगामा जारी रहा जिसके कारण शून्य काल भी नहीं चला और सदन की काईवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचोंबीच आ गये और हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी भर्तृहरि मेहताब ने हंगामे के बीच ही सदन के पटल पर सभी आवश्यक कागज रखवाए। उन्होंने सदस्यों से हंगामा नहीं कर अपनी सीटों पर जाने और शून्यकाल में हिस्सा लेने का आग्रह किया लेकिन किसी सदस्य ने उनकी बात नहीं सुनी, हंगामा जारी रखा। शोरशराबा बढ़ता देख श्री मेहताब ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, और शिरोमणि अकाली दल सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू किया , साथ ही हंगामा कर रहे सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने स्थान पर जाएं और प्रश्नकाल में किसान की समस्याओं से संबंधित अपने सवाल सरकार से पूछें। लेकिन वे नहीं माने और जोर जोर से नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही करीब 40 मिनट तक प्रश्नकाल चलाया लेकिन हंगामा थमता न देख उन्होंने 20 मिनट पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
प्रधानमंत्री बोले- सदन नहीं चलने देना लोकतंत्र का अपमान
संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है, ये संसद और संविधान का अपमान है, लोकतंत्र का अपमान है।
असम-मिजोरम सीमा विवाद पहुंचा संसद
दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच इस वक्त सीमा विवाद चल रहा है। ये मामला आज संसद तक पहुंच गया है। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने राज्यसभा ने इस मसले पर चर्चा के नोटिस दिया है।
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