नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामले, किसानों की समस्याओं और महंगाई को लेकर भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निष्कासित कर दिया गया। सभापति एम. वेंकेया नायडू ने नियम 255 के तहत तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुद्दीन, अबीर रंजन बिस्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर पर यह कार्रवाई की है। ये सदस्य सदन के बीच में कार्यवाही के दौरान तख्तियां दिखा रहे थे और सभापति के आदेश की अवहेलना कर रहे थे।
नायडू ने सुबह कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि जो सदस्य सदन के बीचों बीच खड़े है वे अपने स्थान पर चले जाए नहीं तो वह नियम 255 के तहत सदस्यों का नाम लेंगे और वे सदन की दिनभर की कार्यवाही से वंचित हो जाएगे। इसके बाद उन्होंने सदस्यों को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। इसके बाद भी सदस्यों का शोर- शराबा जारी रहने पर सभापति ने कहा कि जो सदस्य सदन के बीचो बीच खड़े है, सभा सचिवालय उनकी सूची सभापीठ को देगा। इसके बाद भी हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सुबह आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव तथा कई अन्य सदस्यों ने किसानों के आंदोलन को लेकर नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर अन्य प्रावधानों के तहत चर्चा की अनुमति दी जा सकती है। कई सदस्यों ने महंगाई और आर्थिक स्थिति पर चर्चा कराने को लेकर नोटिस दिया है। सरकार भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है। इसी दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गए और शोर-शराबा करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य अपने हाथों में प्ले कार्ड लिए हुए थे।
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