श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। पूरे प्रदेश में मानसून ने औसत से करीब 6 दिन पहले दस्तक दे दी है। एक और नया परिसंचरण तंत्र बंगाल की खाड़ी व आसपास के पश्चिमी बंगाल क्षेत्र के ऊपर बना हुआ है। इस तंत्र के प्रभाव से 5-6 जुलाई से राज्य में एक और नया बारिश का दौर शुरू होगा इस दौरान पूर्वी राजस्थान के अधिकतर स्थानों पर बारिश जबकि पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग में भी कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियों में पुन: बढोतरी होगी। इस दौरान कहीं कहीं भारी बारिश भी होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में अजमेर, उदयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, राजसमंद जयपुर, नागौर, बाड़मेर व पाली जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश व एक-दो स्थानों पर अति भारी बारिश दर्ज हुई है।
पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश अजमेर में 134 जबकि पश्चिमी राजस्थान के नावा, नागौर में 96 दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान के ऊपर आज भी परिसंचरण तंत्र वायुमंडल के निचले व मध्य स्तरों में बना हुआ है तथा मानसून ट्रफ लाइन भी सक्रिय है। इस सिस्टम के असर से अगले 24 से 48 घंटों तक राज्य के अधिकतर स्थानों पर बारिश का दौर जारी रहेगा। जिला मुख्यालय पर देर रात से बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ। सुबह शहर के अधिकांश हिस्सों में बूंदाबांदी के चलते कीचड़ पसरा रहा। लगातार दूसरे दिन बरसात से मौसम सुहाना बना पर सूरज निकलने के साथ ही उमस का दौर शुरू हो गया। सड़कों पर निकले लोगों को कीचड़ ने तो परेशान किया। अनूपगढ़, केसरीसिंहपुर, जैतसर सहित जिला के बड़े इलाके में शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी बरसात हुई। रहा। इस दौरान कई इलाकों में पानी भर गया। खेतों में पानी बरसने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं।
वहीं इलाके में गर्मी से राहत मिलने से लोग भी खुश है। जैतसर में सुबह से तेज बरसात हुई वहीं अनूपगढ़ और इसके आसपास के इलाकों में देर रात करीब दो बजे के बाद से कभी तेज तो कभी मध्यम वर्षा हुई। रुक-रुक कर हुई बरसात से मौसम खुशनुमा हो गया।अनूपगढ़ में देर रात करीब दो बजे से बरसात जारी है। घड़साना में सुबह करीब पांच बजे शुरू हुई बरसात से मौसम सुहाना बना रहा। जैतसर में देर रात से सुबह तक कभी तेज तो कभी मध्यम बरसात हुई। इससे जिले के इन इलाकों में पानी भर गया। वाहन चालकों और लोगों को खूब परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा बरसात गजसिंहपुर क्षेत्र, रायसिंहनगर, श्रीकरणुपर, चूनावढ़ व समेजा कोठी इलाके में हुई। जिला में सूरज निकलने तक 437 एमएम बरसात दर्ज की गई।
जिला मुख्यालय पर हालत खराब
बरसात का दौर शुरू होने के साथ ही जिला मुख्यालय पर पानी भरने से बुरा हाल हो गया है। लोगों को कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा है। शहर के कई मार्गों पर हालात इतने खराब हैं कि वहां से साधनों से भी गुजरना संभव नहीं हो रहा है। हनुमानगढ़ रोड़ पर हालत इस कदर खराब हैं कि गुजरने वाले राहगीर दुर्घटनाग्रस्त होते होते बच रहे हैं तो कई दुघर्टना का शिकार हो रहे हैं।
आलम यह कि दौपहिया वाहनों से गुजरने वालों की हालत तो और भी ज्यादा बुरी है। हालांकि सड़क का निर्माण किया जा रहा है। पर जिस क्षेत्र में बड़े बड़े गड्ढे बने हुए है उन हिस्सों की तरफ देखाही नहीं गया है। टाटियां विश्वविद्यालय के पास, सरस्वती स्कूल के पास बड़े गड्ढों के अलावा गंगनहर के पुल के आगे बने बड़े गड्ढों से बच पाना संभव ही नहीं हो पाता। दौपहिया छोड़िए चारपहियां वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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