हनुमानगढ़। जंक्शन की दुर्गा कॉलोनी में पिछले करीब एक सप्ताह से दो बंदरों ने आतंक मचा रखा है। इन बंदरों के आतंक से पूरा मोहल्ला परेशान व भयभीत है। कॉलोनीवासियों की मानें तो यह बंदर घरों में घुसकर खाने-पीने व अन्य सामान इधर-उधर बिखेर देते हैं। अगर कोई व्यक्ति इन्हें भगाने का प्रयास करता है तो उसे काटने को दौड़ते हैं। इस कारण कॉलोनीवासी भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं। उधर, वार्ड पार्षद की सूचना पर मंगलवार को वन विभाग के कर्मचारी बंदरों को पकडऩे के लिए कॉलोनी में तो पहुंचे लेकिन बिना संसाधनों के। इस पर कॉलोनीवासियों ने नाराजगी जताई। वार्ड पार्षद हिमांशु महर्षि ने बताया कि पिछले कई दिनों से दुर्गा कॉलोनी क्षेत्र में दो बंदरों का आतंक है। इससे कॉलोनीवासी परेशान हैं। प्रशासन भी खानापूर्ति करने में लगा हुआ है। सूचना दिए पांच दिन होने के बाद भी अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। प्रशासन की ओर से कर्मचारी तो भेज दिए जाते हैं लेकिन बंदरों को पकडऩे के संसाधन नहीं उपलब्ध करवाए जाते। इस कारण पूरा मोहल्ला परेशान है।
कॉलोनीवासियों ने जताई नाराजगी, समस्या से निजात दिलाने की मांग
उन्होंने बड़ी जनहानि होने से पहले प्रशासन से इस समस्या का समाधान करवाने की मांग की। उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई। कर्मचारी तो आए लेकिन बिना संसाधन के। कॉलोनीवासी गोपाल शर्मा ने बताया कि बंदर घरों में घुस जाते हैं। सामान इधर-उधर बिखेर देते हैं। भगाते हैं तो हमला कर देते हैं। उन्होंने बताया कि जाल सहित अन्य संसाधनों के अभाव में मंगलवार को कॉलोनी में पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने इन बंदरों को पकडऩे का प्रयास किया तो बंदरों ने उन पर ही हमला कर दिया। उन्होंने भी वन विभाग पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाया। उधर, मौके पर पहुंचे वन विभाग के कांस्टेबल अशोक कुमार का कहना था कि डीएफओ के निर्देशों पर वे सोमवार रात्रि को भी बंदरों को पकडऩे के लिए दुर्गा कॉलोनी में आए थे। लेकिन उनके पास जाल आदि नहीं था। क्योंकि जाल विभाग की सरकारी गाड़ी में रखा हुआ है और सरकारी गाड़ी गश्त में गई हुई है। उन्होंने भी माना कि वे उच्चाधिकारियों के कहने पर बंदर को पकडऩे आए हैं लेकिन उनके पास संसाधन नहीं हैं। इस बारे में भी उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। डीएफओ ने गाड़ी मंगवाने के लिए आश्वस्त किया है।
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