Modi Sarkar : चुनौतीपूर्ण होगा मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल

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Modi Sarkar : चुनौतीपूर्ण होगा मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल

एक और इतिहास रचते हुए नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही वह पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। यह देश ही नहीं दुनिया के लिए एक अद्भुत एवं विलक्षण राजनीतिक घटना है, क्योंकि दुनिया में बहुत कम शासनाध्यक्षों को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। मोदी के इस तीसरे कार्यकाल पर देश-दुनिया की नजरें इसलिये भी टिकी हैं कि मोदी सरकार (Modi Sarkar) 3.0 का अजेंडा पिछली गठबंधन सरकारों से अलग होकर भी सशक्त है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को लेकर काम करने वाली इस सरकार में 71 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ शपथ ली। मोदी के करिश्माई नेतृत्व में पिछले दस साल में देश को विकास के कहीं ज्यादा ऊंचे मुकाम पर खड़े करते हुए दुनिया को चौंकाया है।

उम्मीद की जा रही है कि बिना बाधा एवं गठबंधन की शर्तों के वे देश-विकास के अपने एजेंडे को सफलतापूर्वक एक नई ऊंचाई देंगे। उनकी लोकसभा चुनाव-2024 की उपलब्धि की महत्ता इसलिये भी कम नहीं हो जाती, क्योंकि भाजपा बहुमत से कुछ ही दूर है। चूंकि सहयोगी दल मोदी सरकार को सहयोग और समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मंत्रियों का चयन सुगम तरीके से हो गया इसलिए यह आशा की जाती है कि मोदी की तीसरी पारी भी सुगमता एवं त्वरित गति से चलेगी। इसका एक कारण यह भी है कि उनके पास व्यापक राजनीतिक अनुभव है और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता तथा समन्वय की राजनीति करने का कौशल भी। गठबंधन दलों को भी समन्वय एवं सौहार्द का वातावरण बनाना जो उनके राजनीतिक हित में भी है।

प्रधानमंत्री मोदी के सामने चुनौतियां पूर्ण बहुमत के दौर में भी रही है और अब भी कायम है। इस राह पर दो बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं, जिनकी अनदेखी करते हुए आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है। ये हैं बेरोजगारी और असमानता। इंटरनैशनल लेबर आॅर्गनाइजेशन की इंडिया एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट के मुताबिक देश में 80 प्रतिशत बेरोजगार युवा हैं। गरीब मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य भी सामने हैं। पूर्व के दो कार्यकाल में मोदी ने इसमें बड़ी सफलता हासिल की है। जहां तक असमानता की बात है तो उसे अक्सर तेज विकास के आगे ज्यादा तवज्जो नहीं मिलती, लेकिन याद रखने की बात है कि तेज विकास को अगर टिकाऊ बनाना हो तो असमानता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसी मौलिक सोच एवं दृष्टि से मोदी सरकार 3.0 का एजेंडा दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था को एक चमकते सितारे के रूप में स्थापित करने एवं सुदृढ़ आर्थिक विकास के लिये आगे की राह दिखाने वाला होगा।

निश्चित रूप से भाजपा अपने सहयोगी दलों के प्रति उदार एवं समन्वयमूलक रवैया अपनाएगी। राजग की कोशिश है कि गठबंधन को मजबूत करके इस बार सशक्त होकर उभरे विपक्ष का मुकाबला किया जा सके। इतना तय है कि कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन अग्निवीर, समान नागरिक संहिता, बेरोजगारी व महंगाई जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजग सरकार के लिये कड़ी चुनौती पेश करेगा।

-(यह लेखक के अपने विचार हैं)