नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से सोमवार को दूरभाष पर हुई लगभग 35 मिनट की बातचीत मे यूक्रेन में उभरे हालातों पर चर्चा की और विभिन्न शहरों विशेषकर सुमी में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लगातार प्रयासों को यूक्रेन का समर्थन लगातार जारी रखने की मांग की। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस बातचीत में मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने को लेकर उनकी सरकार की ओर से की गयी मदद के लिए जेलेंस्की को धन्यवाद दिया । यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ बातचीत में मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच लगातार हो रही सीधी बातचीत की भी सराहना की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को दोपहर के समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भी वार्ता करेंग । इस बीच रूस ने यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने के लिए आज दोपहर साढ़े बारह बजे से युद्ध विराम की घोषणा कर दी है।
यूक्रेन-रूस संघर्ष के गंभीर आर्थिक परिणाम: आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि यूक्रेन में चल रही लड़ाई और उसको लेकर रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों का विश्व अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। मुद्रा कोष ने एक बयान में कहा, ”हम उभरती स्थिति का लगातार आकलन कर रहे हैं और अपने सदस्य देशों को समय से नीतिगत सलाह, वित्तीय और तकनीकि सहायता दे रहे हैं।” आईएमएफ की प्रबंध निदेशिका क्रिस्तालिना जॉर्जीएवा की अध्यक्षता में इस वैश्विक वित्तीय संगठन के कार्यकारी निदेशक मंडल की वॉशिंगटन में हुई एक बैठक में जारी बयान में कहा गया है कि यूक्रेन में युद्ध से लोगों की जिंदगी जा रही है और लोग पीड़ित हो रहे हैं। यूक्रेन में बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान हो रहा है। वहां के दस लाख से अधिक लोग शरणार्थी बनकर अन्य देशों में चले गए हैं और रूस के खिलाफ अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध घोषित किए जा चुके हैं।
मुद्रा कोष के बयान में कहा गया है, ”स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है और भविष्य के बारे में असाधारण अनिश्चितता है। इसके आर्थिक प्रभाव पहले ही बहुत गंभीर हो चुके हैं। खनिज ईंधन और अन्य वस्तुओं की कीमतें जिनमें गेंहू और अन्य अनाज हैं, उछाल पर हैं। इससे मुद्रा स्थिति का दबाव और बढ़ रहा है। मुद्रा स्फीति कोविड-19 महामारी के कारण आपूर्त श्रृंखला के टूटने से और महामारी के बाद मांग में सुधार से पहले ही ऊंची हो गई थी।”
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