मोदी सरकार का संतुलित बजट

Modi Government's Balanced Budget

मोदी सरकार-2 ने अपना पहला आम बजट पेश करते हुए जहां गरीबों को राहत प्रदान की है वहीं अमीरों पर टैक्स बढ़ाकर गरीबों व मध्यम वर्ग पर कोई नया बोझ नहीं डाला। मध्यम वर्ग को अब 45 लाख रुपये का घर खरीदने पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये की छूट दी गई, वहीं हाउसिंग लोन के ब्याज पर मिलने वाली छूट अब 2 लाख से बढ़कर 3.5 लाख रुपये कर दी, जिससे निर्माण कार्यों को गति मिलने की संभावना है और बाजार में उछाल आएगा। सरकार ने चुनावी मैनीफेस्टो के वायदे पूरा करने के लिए दुकानदारों के लिए पेंशन की घोषणा की। महिला वित्त मंत्री होने का लाभ महिलाओें को भी मिला है, उन्हें सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा एक लाख रुपए का कर्ज मिलेगा। सरकार ने विदेशी निवेश के लिए रास्ते खोल दिए हैं।

वर्तमान आम बजट के द्वारा सरकार ने अपनी, योजनाएं और लक्ष्यों को दोहराया है। मध्यम वर्ग के लिए आमदन कर रिटर्न भरने की प्रक्रिया सुविधाजनक की गई है। कुछ राहत उद्योगों को दी गई हैं। नि:संदेह बजट में सरकार की सही दृष्टि और नीति झलक रही है। लोक सभा में भारी बहुमत मिलने के कारण मोदी सरकार पर कुछ राज्यों में विधान सभा चुनाव का कोई बड़ा दबाव नहीं दिख रहा है। सरकार न तो किसी वर्ग को खुश व न ही नाराज करने की नीति अपना रही है। दरअसल सरकार ने लोक सभा चुनाव से पहले ही अपने अंतरिम बजट को आम बजट की तरह पेश किया था, जिसमें नौकरीपेशा वर्ग के लिए आमदन कर का दायरा बढ़ाकर पांच लाख तक का कर दिया था। इसी तरह किसानों को वार्षिक 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया था। आयुष्मान भारत जैसी बड़ी योजना भी अंतरिम बजट में शामिल थी।

यूं बेरोजगारी से निपटने के लिए अभी कोई किसी कार्यक्रम की दरकार है। फसल बीमा योजना की कमियों पर भी विचार करने की जरूरत है। कृषि जिनसों के भाव बढ़ाने व कृषि को लाभदायक बनाने पर जोर देना होगा। कुछ बातें छोड़कर यह अंतरिम बजट की तरह ही है। एक साल में दो बजट आने पर किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद भी नहीं होती।

 

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