नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि मोदी सरकार कोरोना महामारी के दौर में भी आंकड़ो की बाजीगरी से बाज नही आई और संक्रमितों से लेकर कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या का आंकडा बताने में खेल करती रही है। श्रीमती वाड्रा ने सोमवार को अपने ‘जिम्मेदार कौन अभियान’ के तहत फेसबुक पर जारी एक पोस्ट में कहा कि सरकार ने शुरू से ही कोरोना वायरस से हुई मौतों एवं कोरोना संक्रमण की संख्या को जनसँख्या के अनुपात में दिखाया लेकिन कोरोना के टेस्टिंग के आंकड़ों की कुल संख्या ही बताती रही।
सरकार से आंकड़ों में पारदर्शिता बरतने का आग्रह
उन्होंने कहा कि सरकार आज भी वैक्सीनेशन के आँकड़ों की कुल संख्या बता रही है, आबादी का अनुपात नहीं। इसमें बड़ी बात यह है कि टीकाकरण की पहली तथा दूसरी डोज को एक में ही जोड़कर बता रही है और यह आंकड़ों की बाजीगरी है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों में पारदर्शिता बरतने का आग्रह किया था क्योंकि आँकड़ों से ही बीमारी के फैलाव, संक्रमण की स्थिति, कहां सील करना है या कहाँ टेस्टिंग बढ़ानी। सरकार ने इस बात पर अमल नहीं किया।
वैज्ञानिकों की बात पर ध्यान नहीं दिया सरकार ने
श्रीमती वाड्रा ने कहा,‘ विशेषज्ञों का मानना है कि पहली लहर के दौरान आंकड़ों को सार्वजनिक न करना दूसरी लहर में इतनी भयावह स्थिति पैदा होने का एक बड़ा कारण था। जागरूकता का साधन बनाने की बजाय सरकार ने आँकड़ों को बाजीगरी का माध्यम बनाया। यही कारण है कि कोरोना वायरस से जुड़े तमाम आंकड़ों को केवल सरकारी चैम्बरों में कैद रखा गया और वैज्ञानिकों की आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया।
सरकार किस तरह से आंकड़ों का खेल खेलती रही है उसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान गुजरात में 71 दिनों में एक लाख 24000 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए लेकिन गुजरात सरकार ने राज्य में कोरोनॉ के कारण 4218 लोगों की मौत होना बताई है। गुजरात के चार शहरों में जारी हुए मृत्यु प्रमाणपत्रों एवं सरकार के हिसाब से कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े में तालमेल नहीं है।
आंकड़ों में हेराफेरी
उन्होने कहा कि अहमदाबाद में 13,593 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए जबकि सरकारी स्तर पर जारी मौतों का आंकड़ा 2,126 बताया गया। इसी तरह से सूरत में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र 8,851 है जबकि सरकारी आंकड़े में मृतक संख्या 1,074 बताई गई है। इसी तरह राजकोट में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र 10,887 है और सरकारी आंकड़े मृतक संख्या 208 बताते हैं। बड़ोदा में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र संख्या 7,722 है जबकि सरकारी आंकड़ो में मृतक संख्या 189 है।
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