- हर साल 7 लाख यूनिट बिजली का होगा उत्पादन
- 3.10 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ प्लांट
Ambala, SachKahoon News: एमएम विश्वविद्यालय सद्दोपुर में वीरवार को 500 किलोवाट क्षमता के सौलर प्लांट की शुरूआत हो गई। इसके साथ ही एमएम विवि अक्षय ऊर्जा उत्पादन अपनाने वाला प्रदेश का पहला विवि बन गया है। 3 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ यह प्लांट प्रतिवर्ष 7 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा। सरकार द्वारा प्लांट की स्थापना के लिए 93 लाख रुपए का अनुदान दिया गया है। अक्षय ऊर्जा एवं जनस्वास्थ्य राज्य मंत्री डा0 बनवारी लाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में बिजली खपत पर दी जाने वाली छूट के तहत भी लगभग 60 लाख रुपए वार्षिक की छूट प्राप्त होगी। इस प्लांट में 625 केवीए का एचटी ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 315 वाट की 1615 प्लेटें विश्वविद्यालय भवन की छत पर स्थापित की गई हैं। 500 वर्ग गज व उससे उपर के सभी प्लाटो में आवास व किसी भी अन्य कार्य के लिए सौर ऊर्जा को अपनाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा सभी विश्वविद्यालयों, शिक्षण, व्यवसायिक संस्थानों सहित जहां बिजली की अधिक खपत है, उनके लिए भी अक्षय ऊर्जा अनिवार्य की गई है। इस अवसर पर एम.एम. विश्वविद्यालय की कुलपति डा0 तरसेम गर्ग, एडीसी आर.के. सिंह, वाईस चांसलर डा0 हरीश शर्मा, अक्षय ऊर्जा विभाग के प्रधान सलाहकार बी.एस. यादव, सीनियर साईंटिस्ट जे.एस. कोहली, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रमन गुप्ता, ट्रस्टी संजीव गर्ग, विद्युत निगम के कार्यकारी अभियंता बी.एस. कम्बोज सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
तीन साल में 1 लाख किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
राज्यमंत्री बनवारी लाल ने बताया कि आगामी तीन वर्ष के दौरान 1 लाख किलोवाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां किसानों को दो हॉर्सपावर और पांच हॉर्स पावर विद्युत क्षमता के नलकूप लगाने पर 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के एक लाख बीपीएल परिवारों को भी अक्षय ऊर्जा सुविधा के तहत कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ईको फ्रेंडली बनेगा विवि परिसर
एम.एम विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर डा0 हरीश शर्मा ने बताया कि इस सौर ऊर्जा प्लांट से न केवल विश्वविद्यालय की ऊर्जा सम्बन्धी आवश्यकताएं पूरी होंगी बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर को ईको फ्रेंडली बनाने में भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सबसे पहले अक्षय ऊर्जा अपनाने के लिए भी विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है और उन्होंने इसके लिए अक्षय ऊर्जा विभाग व अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री के प्रयासों की सराहना की।