करीब 11 वर्ष पुराने मामले में कैराना स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुनाया फैसला
- वर्ष-2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मायावती एवं गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को लेकर की थी अमर्यादित टिप्पणी, कानून-व्यवस्था के मद्देनजर दिनभर छावनी में तब्दील रहा जनपद न्यायालय परिसर
कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के वर्तमान विधायक चौधरी नाहिद हसन (Nahid Hasan) को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सौ रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। विधायक ने वर्ष-2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर-प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी। सपा विधायक कोर्ट का फैसला सुनाए जाने के दौरान करीब तीन घंटे तक न्यायालय की हिरासत में रहे। इस दौरान जनपद न्यायालय परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। Kairana News
सहायक अभियोजन अधिकारी उतेश जौहरी ने बताया कि 28 मार्च 2014 को कोतवाली शामली में तैनात एसआई दीक्षित त्यागी ने कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के वर्तमान विधायक चौधरी नाहिद हसन के विरुद्ध धारा-171(छ) के तहत अभियोग पंजीकृत कराया था। आरोप था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर-प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तथा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया गया था। नाहिद हसन उस वक्त कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।
बाद में विवेचक ने मामले की तफ्तीश करके आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। यह मामला कैराना स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में विचाराधीन था। वर्तमान समय में जनपद में एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट न होने के चलते जनप्रतिनिधियों से सम्बंधित मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत कर रही है। इस मामले में सोमवार को कोर्ट का फैसला आना था, लेकिन कोर्ट कुछ और बिंदुओं पर सुनवाई करना चाहती थी, जिसके चलते मामले में फैसले के लिए 13 तारीख नियत की गई थी। गुरुवार को कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने के पश्चात मामले में सपा विधायक नाहिद हसन को दोषी करार देते हुए सौ रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही, कोर्ट ने अर्थदंड अदा न करने पर विधायक को एक माह का साधारण कारावास भुगतने के आदेश दिए है। वहीं, मामले में फैसला आने तक करीब तीन घंटे विधायक न्यायिक हिरासत में रहे।
न्यायालय परिसर में चप्पे-चप्पे पर तैनात रहा पुलिस बल | Kairana News
गुरुवार को सपा विधायक से जुड़े मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया। कोर्ट खुलते ही भारी पुलिस बल को जनपद न्यायालय परिसर में तैनात कर दिया गया था। न्यायालय परिसर के प्रत्येक द्वार पर मेटल डिटेक्टर मशीन लगाई गई थी। गहन तलाशी के बाद ही लोगो को न्यायालय परिसर में प्रवेश दिया गया। कानून-व्यवस्था के मद्देनजर करीब 125 पुलिसकर्मी कोर्ट परिसर में तैनात किए गए थे, जिनमें दो प्लाटून पीएसी बल भी शामिल था।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह रावत पुलिस बल का नेतृत्व करते हुए दिखाई दिए। इस दौरान कांधला थानाध्यक्ष क्षितिज कुमार, थानाभवन थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह कसाना, झिंझाना थानाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, कचहरी सुरक्षा प्रभारी निरीक्षक कामरान त्यागी, किलागेट चौकी प्रभारी एसआई आनंद कुमार समेत भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। वहीं, लोकल इन्वेस्टिगेशन यूनिट(एलआईयू) का स्टाफ भी न्यायालय परिसर में डेरा डाले रहा। Kairana News
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