शुभ देवी मुहिम की विधायक डॉ. कृष्णा मिड्डा विधायक ने जमकर तारीफ की
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। बाल विवाह, बाल श्रम, मूर्ति पूजा, पर्दा प्रथा, मृत्यु भोज और दहेज प्रथा को खत्म करने के सरकारी व निजी प्रयासों के बीच नारी सम्मान की बात तो की जाती है लेकिन नारी की दर्दनाक पीड़ा को खत्म करने की बात कहीं नहीं होती। पुरूषों के बराबर का दर्जा रखने वाली नारी को आज भी भोग की बात कह उसके सबसे विकृत रूप वैश्या को समाज से समाप्त करने की बात नहीं होती। वैश्या को नारकीय जिंदगी से निकाल समाज की मुख्य धारा में शामिल कर अपनी बहन बेटी मानने की बात नहीं होती। बच्ची से लड़की और महिला बन वैश्या का दर्जा हासिल करने के दौरान नारी मन में अनेक स्वप्नों ने उमंगें जगाई होंगी लेकिन समाज के कथित ठेकेदारों ने उन उमंगों को कुचल उसे भोग की वस्तु बना डाला। इन वर्षों के अंतराल में रोई होगी नारी कभी सरकार के नुमाइंदों के आगे, सामाजिक संस्थाओं के प्रमुखों के आगे लेकिन सब उसकी लाचारी में अपना फायदा देखते आए।
अपनी पुकार को कभी पूरा न होने व उस काल कोठरी को ही अपना जीवन मान चुकी लड़की की मार्मिक पुकार को सुना पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने। 25 जनवरी 2010 का दिन इन नारियों के जीवन का स्वर्णिम काल बनकर आया जब नारकीय जीवन जी रही सात लड़कियां वैश्या का लिबास उतार कर शुभ देवी बन गई। पूज्य गुरू जी ने इनका न केवल योग्य वरों से विवाह करवाया, अपितु अपनी बेटी बना उनका कन्यादान भी किया। सात शुभदेवियों से चला यह सफर अब तक 18 से ज्यादा वैश्याओं के जीवन में उजाला कर गया, जो आज भी जारी है और इन्तजार में है वे नौजवान जो इन्हें अपना जीवन साथी बनाने के लिए पूज्य गुरू जी के एक इशारे को जानने के लिए आतुर हंै। वहीं जींद में आयोजित नामचर्चा के दौरान हरियाणा सरकार के विधायक डॉ. कृष्णा मिड्डा ने भी पहुुंचकर डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों की जमकर तारीफ की। उन्होंने पूज्य गुरु द्वारा चलाई जा रहे शुभ देवी मुहिम की खूब प्रशंसा की।
वेश्याओं से शादी करना बहुत बड़ी बात
उन्होंने कहा कि जब भी गुरु जी का कार्यक्रम होता है मुझे कोई संदेश मिलता है मैं पूरा प्रयास करता हूं कि मैं आकर उनके दर्शन करूं और उनके बतायी हुई बातें और विशेषतर गुरु जी महाराज जी का अनेक बाते गुरु जी महाराज करते है, अनेक अध्यात्मिक संत बताते हैं बातों को लेकिन जो गुरु जी ने विशेषतौर पर, जो मुझे बहुत अच्छी लगी मैं अपनी तौर पर बताऊंगा कि जो वेश्याओं से जिन्हें हम समाज से बहुत दूर रखते है उनके साथ जो शादी करने का जो गुरु महाराज ने विषय सोचा था ये विषय कोई आम विषय नहीं है, उसके बाद जिन लोगों ने उनसे शादी की उन्हें योद्धा का नाम भी गुरु जी महाराज जी ने देने का काम किया। ये बहुत बड़ी बात है जिस बारे में कोई व्यक्ति सोच नहीं सकता। उस बारे में गुरु जी ने ऐसा विचार कर, मैं कहूंगा कि बहनों को समाज में रहने का एक तरीका बताया इससे बड़ी बात नहीं हो सकती।
ऐसे हुई थी शुभदेवी की शुरूआत…
शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा उत्तर प्रदेश में नवंबर 2009 को आयोजित शाह मस्ताना जी के शुभ भंडारे के अवसर पर नि:शक्तों, अबलाओं व असहयाओं के मसीहा पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने लाखों की साध-संगत के बीच सजे शाही स्टेज से दोनों हाथ उठाकर पुकारा कि आओ बेटी, हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश के बरनावा में आयोजित रूहानी सत्संग से शुरू हुआ यह सफर आज शुभदेवियों के जीवन में स्वर्णमयी उजाला बना हुआ है और वे अपने घरों में खुशहाल जिंदगी जी रही हैं।
पूज्य गुरू जी का यह कदम इतिहास का मील पत्थर बनकर उन लोगों के नाकाम इरादों पर प्रहार करता है जो नारी सम्मान की बात तो करते हैं लेकिन उस नारी की इज्जत को तार-तार करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। पूज्य गुरू जी के इस कदम के साथ चले हुए हैं करोड़ों डेरा अनुयायी। डेरा सच्चा सौदा की यूथ हर माह गांवों-शहरों में रैलियां निकालकर उन लड़कियों को अपने नारकीय जीवन से बाहर आने के लिए प्रेरित कर रही है कि किस प्रकार एक रूहानी संत उनके जीवन को खुशहाल बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
वेश्यावृति रूपी दलदल में धंसी महिलाएं इस जलालत भरी जिंदगी को छोड़ दें और डेरा सच्चा सौदा आ जाएं। हम उन्हें अपनी बेटियां बनाएंगे, उनका इलाज करवाएंगे और यही नहीं उनकी भक्तयोद्धाओं से शादी भी करवाएंगे। वेश्यावृत्ति छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली इन बेटियों को हमने ‘शुभदेवी’ का खिताब दिया है। ये जिस घर में जाएंगी वहां केवल शुभ ही शुभ होगा।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
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