पीएचडी की एकमात्र आरक्षित सीट के लिए हुआ चयन, भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य की बेटी है होनहार छात्रा (Shubhavi Arya)
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। कहते हैं कि अगर आप में कुछ करने का ज़ज्बा और संकल्प है तो मंजिल तक पहुंचने से आपको कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कि हिसार जिले के नारनौंद उपमंडल के गांव मिर्चपुर की रहने वाली शुभावी आर्य ने। दरअसल भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य की होनहार बेटी ने अमेरिका की करीब तीन लाख 33 हजार डॉलर यानि लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये स्कॉलरशिप की एकमात्र पीएचडी सीट हासिल की है। शुभावी फिलहाल अमेरिका के मिनयापोलिस शहर में यूनिवर्सिटी आॅफ मिनीसोटा में कंप्यूटर सार्इंस एंड साईक्लॉजी की ड्यूल मेजर, बेचलर आॅफ सार्इंस में अंतिम वर्ष की छात्रा है।
ये उपलब्धि प्राप्त करने वाली शुभावी विश्व की एकमात्र ऐसी छात्रा बनी हैं, जिन्होंने कंप्यूटर सार्इंस में पीएचडी के लिए अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी मेंं आरक्षित केवल एक सीट पर करीब ढ़ाई करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप प्राप्त की है। पांच वर्षीय इस कोर्स में शुभावी कंप्यूटर सार्इंस में अपनी दो साल की मास्टर डिग्री पूरी करने के साथ-साथ पीएचडी यानि रिसर्च भी करेंगी।
इंडियाना युनिवर्सिटी ने दिए नौ नॉबेल पुरस्कार विजेता
इंडियाना यूनिवर्सिटी अमेरिका के ब्लूमिंगटन शहर में स्थित है। यह यूनिवर्सिटी 100 साल पुरानी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1820 में हुई थी। इसका कैंपस करीब 1937 एकड़ में फैला है। इस यूनिवर्सिटी में विश्वभर से 43 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। यह अमेरिका की विख्यात एवं प्रमुख यूनिवर्सिटी है, जहां पर विभिन्न क्षेत्रों के नौ नॉबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर हैं, जो विद्यार्थियों को पढ़ाई करवा रहे हैं। शुभावी को कंप्यूटर सार्इंस में रिसर्च के लिए मिली दो करोड़ 50 लाख रुपए की स्कॉलरशिप में स्टाईफंड, ट्यूशन फीस, हेल्थ इंश्योरेंस और ट्रेवल अलाऊंस शामिल हैं।
ये रहा उपलब्धियों का दौर
शुभावी ने कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल, सिंगापुर के मिडल ईयर प्रोग्राम के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं कक्षा के दौरान भी 63 हजार सिंगापुर डॉलर की स्कॉलरशिप हासिल की थी। यह स्कॉलरशिप कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल सिंगापुर ने दी थी, जो कि दो वर्ष के लिए थी। यह स्कॉलरशिप 30 देशों के विद्यार्थियों की आयोजित एक संयुक्त परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल करने पर शुभावी आर्य को मिली थी।
यह स्कॉलरशिप भी केवल एक ही छात्र को मिलनी थी। नौंवी कक्षा के दौरान शुभावी ने कनेडियन इंटरनेशनल स्कूल का प्रतिनिधित्व करते हुए सबसे युवा छात्रा के तौर पर यूनाईटेड वर्ल्ड कॉलेज पूना द्वारा मॉडल यूनाईटेड नेशन- 2012 कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें शुभावी को वर्बल कॉमेनडेशन पुरस्कार से नवाजा गया। शुभावी हार्वड यूनाईटेड नेशन चाईना 2015, 11वीं कक्षा के दौरान एसिस्टेंट डायरेक्टर के रुप में हारवर्ड मॉडल यूनाईटेड नेशन हार्वड यूनिवर्सिटी टीम की सदस्य रही हैं। उन्हें वर्ष 2016 में कंप्यूटर सार्इंस में बेचलर करने के लिए भी 72 हजार यूएस डॉलर की स्कॉलरशिप मिली थी।
शुभावी ने माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता व पिता को देते हुए शुभावी ने कहा कि बचपन से ही उन्हें कुछ रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया। अभी तो उनकी पढ़ाई जारी है, जिंदगी का असली मुकाम अभी बाकी है। शुभावी के पिता एवं भिवानी के उपायुक्त जयबीर सिंह ने कहा कि यह सब शुभावी की मेहनत का परिणाम है। उनको अपनी बेटी की इस सफलता पर बेहद खुशी है।
खेलों में भी दिखाया जौहर
बहुमुखी प्रतिभा की धनी शुभावी आर्य न केवल एक होनहार छात्रा है, बल्कि आईस स्केटिंग की अंतर्राष्टÑीय खिलाड़ी और एनीमेशन फिल्म निर्देशक और फिल्म मेकर भी है। आईस स्केटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल कर चुकी है तथा एशियन ओपन रोलर स्केटिंग चैपिंयनशिप मेरठ में वे सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं।
देश की सबसे युवा एनीमेकर फिल्म निर्देशिका
शुभावी ने 15 वर्ष की आयु में अंडर-18 आयु वर्ग में अमेरिका इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड में कांस्य पदक अपने नाम किया था। यह फिल्म शुभावी के द्वारा लिखी व निर्देशित की गई थी। शुभावी भारत की सबसे युवा एनीमेकर फिल्म निर्देशिका है, जिसकी एनीमेशन मूवी, एडवेंचर आॅफ मालिया, 30 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 10 देशों में स्क्रीन हो चुकी है। यह फिल्म 11 इंटरनेशनल फिल्म अवार्ड जीत चुकी है। उन्होंने 16 वर्ष की आयु में एडवेंचर आॅफ मालिया बनाई थी। वे अभी तक एक दर्जन से अधिक पुरस्कार अपने नाम कर चुकी हैं। वह विभिन्न फिल्म फेस्टिवेल प्रतियोगिताओंं में अमेरिका के अलावा स्वीटजरलेंड, सर्बिया, आस्ट्रेलिया, स्वीडन, यूनाईटेड किंगडम, जर्मनी, पोलैंड, इजराईल, जॉर्जिया व ग्रीस आदि देशों अपनी प्रतिभा से नामित हो चुकी हैं।