सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के वचन हैं कि जब भी आप सेवा पर जाते हैं तो परमात्मा आपके भयंकर कर्मों को पहाड़ से कंकर में बदल देते हैं और कई बार तो वो आपको खरोंच तक भी नहीं आने देते और आपके भंयकर कर्म को सपने में ही काट देते हैं। ऐसा ही एक साक्षात् करिश्मा 6 मार्च को गुरुग्राम सफाई महा अभियान के दौरान देखने को मिला। हुआ यूं कि पनिहारी निवासी भागवंती इन्सां पत्नी डॉ. बसंत अपने दामाद जग्गा सिंह और बेटी प्रवीन इन्सां जो की शाह सतनाम जी पुरा में रह रहे हैं, के पास बच्चों की देखभाल के लिए आई हुई थी ताकि दामाद और बेटी सफाई महा अभियान पर जा सकें। शाह सतनाम जी पुरा की साध-संगत की 5 बसें सफाई महा अभियान के लिए रवाना हुई। अभी सफाई महा अभियान पर गई बसें गुरुग्राम से कुछ दूरी पर ही थी।
भागवंती देवी इन्सां को छह मार्च को सुबह 4 बजे के बाद सपना आया कि वह अपनी बेटी और दामाद के साथ सफाई महा अभियान में हिस्सा लेने जा रही है। तभी साध-संगत की बस के सामने एक पहाड़ जैसी बहुत बड़ी चीज सामने आ गई और साध-संगत घबरा गई। भगवंती को तभी पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की आवाज सुनाई दी। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि बेटा! साध-संगत का बहुत भारी कर्म था, जो कुल मालिक ने सपने में ही काट दिया। तभी भगवंती की आँखें खुल गई और वो बहुत ज्यादा घबरा गई। जब उसे समझ आया कि ये सपना था तो वो बैठकर पूज्य गुरु जी के चरणों में अरदास करने लगी कि हे सतगुरु जी! सारी साध-संगत को सही सलामत रखना।
भागवंती इन्सां ने ये पूरी बात अपने दामाद जग्गा इन्सां और बेटी प्रवीन इन्सां को तब बताई जब वो शाम को गुरुग्राम सफाई महा अभियान में सेवा करके लौटे। उनकी बेटी प्रवीन इन्सां ने उन्हें आकर बताया कि आज सुबह 4 बजे के बाद ही हमारी बस के सामने अचानक कोई बड़ा जानवर आ गया, तब साध-संगत ने पवित्र नारा ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ लगाया और बड़ा हादसा होने से टल गया। सच में पूज्य गुरु जी ने कोई भंयकर कर्म काट दिया। बस में आगे ड्राइवर के पास 5-6 और सेवादार बैठे हुए थे। पूरा शीशा चकनानचूर हो गया, पर किसी को खरोंच तक नहीं आई। बस में बैठी सारी साध संगत ने पूज्य गुरू जी का तह दिल से धन्यवाद किया।
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