भारत का केवल एक मिग 21 विमान गिरा था
भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बारे में भी पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत ने शनिवार को कहा कि यदि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ‘नयी सोच’ वाले ‘नये पाकिस्तान’ का दावा करते हैं तो उन्हें आतंकवादियों के खिलाफ नयी कार्रवाई और ठोस कदम उठाने चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान अपनी आदतों से बात नहीं आ रहा है और निरंतर झूठ बोलते हुए दुष्प्रचार फैला रहा है। वह आतंकादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के बजाय पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दावे को भी ठुकरा रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यह छूठ फैला रहा है कि उसने 27 फरवरी को भारत के दो मिग विमानों को मार गिराया। यदि पाकिस्तान के पास विमान के गिरते हुए वीडियो है या कोई अन्य सबूत है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए तथा यह भी बताना चाहिए कि दूसरे विमान का पायलट कहां है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का केवल एक मिग 21 विमान गिरा था।
पाक ने झूठ बोला था, ‘भारत के खिलाफ एफ 16 विमानों का इस्तेमाल नहीं किया
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान निरंतर छूठ बोल रहा है कि उसने 27 फरवरी को भारत के खिलाफ एफ 16 विमानों का इस्तेमाल नहीं किया लेकिन भारत के पास इस बात के सबूत हैं कि पाकिस्तान ने एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान को मार गिराया था ।
भारत के पास इसकी चश्मदीद गवाह , विमान की इलेक्ट्रानिक सिगनेचर और इस विमान में लगायी जाने वाली एमरेम मिसाइल के टुकड़े सबूत के तौर पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के समक्ष यह मुद्दा भी उठा रहा है कि पाकिस्तान ने सेवाशर्तों का उल्लंघन करते हुए एफ-16 विमानों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया। उन्होंने कहा कि बालोकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बारे में भी पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है , लेकिन भारत अपनी बात पर अडिग है कि उसकी यह कार्रवाई पूरी तरह सफल रही। वायुसेना के विमानों ने अपने सभी लक्ष्यों को भेदने में सफलता हासिल की है।
करतारपुर बातचीत का वार्ता प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं : सरकार
सरकार ने स्पष्ट किया है कि करतारपुर गलियारे के बारे में 14 मार्च को होने वाली बातचीत को पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू होने से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा, ‘मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि करतारपुर बातचीत का मतलब संवाद शुरू होने से बिल्कुल नहीं है।
यह भारतीय नागरिकों की भावनाओं और विचारों से जुड़ा मामला है तथा इस विषय पर बात करना करतारपुर साहिब गलियारे को शुरू करने से संबंधित निर्णय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताता है। पाकिस्तान ने इस बैठक को लेकर कुछ संशय प्रकट किया था लेकिन भारत ने कभी इस तरह की बात नहीं की। आपको समझना होगा कि इसका मतलब वार्ता प्रक्रिया शुरू करने से नहीं है। यह सिख नागरिकों की भावनाओं के सम्मान से जुड़ा है। यह बहुत पुरानी मांग है और 14 मार्च को होने वाली बैठक इसीसे जुड़ी है।
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