मंत्री कृष्णपाल ने किया पायलट आधुनिक तकनीक का शुभारंभ
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गौंछी ड्रेन हरियाणा के 11 सबसे प्रदूषित नालों में से एक
फरीदाबाद (सच कहूँ न्यूज)। केन्द्रीय राज्य मंत्री चौधरी कृष्णपाल गुर्ज्जर ने स्थानीय संजय कॉलोनी में गौंछी नाले की सफाई के लिए एक पायलट आधुनिक तकनीक का शुभारंभ किया। गौंछी नाला फरीदाबाद में एक महत्वपूर्ण गंदे जल निकासी प्रणाली है। गौंछी ड्रेन हरियाणा के 11 सबसे प्रदूषित नालों में से एक है, जो हर दिन यमुना में 1002 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी छोड़ती हैं। नदी में कचरे के बोझ को कम करने के लिए नाले की सफाई कर एक लंबा रास्ता तय करेगी। इस परियोजना में डेनिस एंवायरो-सेलन ए-एस, एक डेनिश कंपनी से एक आरआईएसई मशीन तैनात की गई है। जो गन्दे पानी को साफ करने में माहिर है।
यह मशीन प्रतिदिन 200 किलोग्राम तक तैरते कचरे और मलबे को नाली से निकालकर एकत्रित करेगी। द वेस्ट टू वेल्थ मिशन और एमसीएफ संयुक्त रूप से इस मशीन की निगरानी और संचालन करेंगे। देशभर में अन्य जल निकायों में इस तरह की परियोजनाओं को तैयार करने के लिए सबूत का निर्माण करेंगे। परियोजना नाले से निकाले गए कचरे के उपचार और उपयोग के लिए प्रौद्योगिकियों का भी पता लगाएगी।
विकास में नहीं आने दी जाएगी धन की कमी: गुर्जर
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने सम्बोधन में कहा कि फरीदाबाद के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्रीय और राज्य सरकारें की तरफ से धन की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। फरीदाबाद को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी कड़ी में आज इस गंदे नाले को प्रदूषण मुक्त करने वाली इस मशीन का शुभारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर नगर निगम के कमिश्नर यशपाल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता टीपरचंद शर्मा, मेयर सुमन बाला, पार्षद जयवीर खटाना, पुर्व पार्षद धर्मवीर खटाना, वीर शसिंह नैन, पार्षद हरप्रसाद गोड, संजू चपराना, एमसीएफ के एएमसी इंद्रजीत कुलड़िया सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
अपशिष्ट चुनौतियों को हल करने के लिए नवीन तकनीक की जरूरत: विजय राघवन
परियोजना की घोषणा करते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि प्रधान मंत्री स्थानीय तकनीकी दृष्टिकोणों की दृढ़ता से पैरवी करते हैं, जो वैश्विक विज्ञान द्वारा समर्थित हैं। देश की अपशिष्ट चुनौतियों को हल करने के लिए उन नवीन तकनीकों को लागू करने की आवश्यकता है। जो भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल हैं। भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास हम सभी के लिए एक प्रेरणा शक्ति है। पीएम की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद (पीएमएसटीआईएसी) भारत की बेकार चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान के इस प्रमुख मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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