वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा में अच्छे प्रयास हो रहे है: भूपेंद्र यादव
चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Minister Bhupendra Yadav) ने हरियाणा सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में की जा रही गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाकर पराली प्रबंधन पर जोर दिया है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा में अच्छे प्रयास हो रहे हैं।
राज्य सरकार के प्रयासों से गुरुग्राम की सोसयटियों में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट्स के उपयोग में भारी कमी आई है। केंद्रीय मंत्री आज वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फसल अवशेष प्रबंधन व वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल चंडीगढ़ से इस बैठक में शामिल हुए।
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फसल अवशेष प्रबंधन पर कार्य कर रही सरकार: मुख्यमंत्री
मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बेहद गंभीर है और इसके लिए सभी प्रकार की योजनाओं को जमीनीस्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। हम हरियाणा को स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध हरियाणा बनाएंगे।
क्लीन फ्यूल उपयोग को लेकरर इंट-भट्ठों को राहत
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के समक्ष मांग रखते हुए कहा कि हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में क्लीन फ्यूल के उपयोग के लिए जारी दिशा-निदेर्शों में ईंट भट्ठों को 31 मार्च, 2023 तक की मोहल्लत दी जाए। हरियाणा सरकार द्वारा भी अपने स्तर पर वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा, औद्योगिक संगठनों से भी यह मांग आई है कि उन्हें क्लीन फ्यूल उपयोग हेतू तकनीकि रूप से जो बदलाव करने है, उनकी लागत बहुत ज्यादा है। इसलिए ऐसे उद्योगों की सहायता हेतू व्यवहार्य ब्याफसल अवशेष प्रबंधन पर की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ढांचागत रणनीति के साथ कार्य कर रही है, जिसमें इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन, एक्स-सीटू प्रबंधन, प्रभावी निगरानी, प्रवर्तन, आईईसी गतिविधियां शामिल हैं।
अभी तक पराली जलाने की 83 घटनाएं हुई
मनोहर लाल ने बताया कि प्रदेश में धान लगभग 4800 गांवों में होता है। इन गांवों को तीन जोन-हरा, पीला और लाल में बांटा गया है। इन-सीटू मैनेजमेंट के तहत विभिन्न मशीनों व डिक्मपोसर के माध्यम से 23 लाख मीट्रिक टन और एक्स-सीटू मैनेजमेंट के तहत 13 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा। अभी तक पराली जलाने की केवल 83 घटनाएं हुई हैं और पराली न जलाने बारे लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
पराली को एमएसपी पर खरीदने के लिए योजना बनाने पर विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द थर्मल प्लांट में 20 लाख मीट्रिक टन टॉरिफाइड बायोमास पेलेट्स के उपयोग के लिए भी टेंडर किया जाएगा। पराली के स्थाई प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार पराली को एमएसपी पर खरीदने के लिए भी योजना बनाने पर विचार कर रही है। इससे किसानों को सीधा लाभ होगा और उनकी अतिरिक्त आय का साधन भी बढ़ेगा।
पराली प्रबंधन के लिए इस वर्ष 7146 मशीनें उपलब्ध करवाई गई
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए पिछले 4 सालों में किसानों को सीएचसी के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से 72,777 मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इस वर्ष 7146 मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं जिसमें बेलिंग यूनिट, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फटीर्लाइजर ड्रिल इत्यादि शामिल है।
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