डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा लगाए गए पौधे पेड़ बनकर दे रहे फल व छाया
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हर वर्ष पूज्य गुरु जी के पावन अवतार दिवस पर लगाए जाते हैं लाखों पौधे
सच कहूँ/तरसेम सिंह जाखल। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अवतार दिवस पर स्थानीय साथ-संगत द्वारा वर्षों पूर्व लगाए पौधे अब फलदार व छायादार वृक्ष बन चुके हैं। साध-संगत द्वारा जाखल पुलिस स्टेशन की खाली पड़ी भूमि में हजारों पौधे लगाए गए थे जो आज प्राकृतिक को हरा-भरा बनाए हुए हैं। वहीं अस्पताल में जाखल ब्लॉक के सेवादारों द्वारा लगाए पौधे भी मरीजों और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से लेकर स्टाफ तक को ये अहसास ही नहीं होने देते कि वह हॉस्पिटल में हैं या घर पर। इनमें आम, अमरूद, अनार, नीम, शीशम, गम्हार जैसे इमारती लकड़ी और फलदार पौधे शामिल हैं। अस्पताल व पुलिस प्रांगण में करीब 500-500 पेड़ हैं।
‘‘15 मेंबर राजेंद्र कुमार व ब्लॉक भंगीदास अरतीस इन्सां ने बताया कि डेरा श्रद्धालुओं ने वर्षों पहले जाखल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो एकड़ में पेड़-पौधे लगाए थे, उन्होंने बताया इनको बड़ा करने में विशेष रोल तत्कालीन शहरी भंगीदास हरबंश लाल खनेजा का रहा है। जो हर सप्ताह सेवादार बहनों को इकठ्ठा कर हॉस्पिटल ले जाते और इन पौधों की सार-संभाल करते।
‘‘शक्करपुरा से लाडी शर्मा बताते हैं, पौधारोपण अभियान में लगाए पौधों की उत्तरजीविता शत प्रतिशत है। इसके पीछे मुख्य वजह स्कूल की चारदीवारी और डेरा अनुयायियासें की ओर से समय-समय पर इनकी देखभाल करना है। हॉस्पिटल में सेवादारों द्वारा लगाया गया हर एक पौधा आज विशाल आकार ले चुका है। कई श्रद्धालुओं का लगाव उनके द्वारा लगाए पौधों से है। जब भी विभिन्न मौकों पर अस्पताल आते हैं तो अपने द्वारा लगाए पौधे को बड़ा आकार लिया देख काफी खुश होते हैं।
‘‘सतनारायण इन्सां कहते हैं कि पौधारोपण अभियान के लिए प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही शिक्षा देनी चाहिए। इनमें पर्यावरण को संरक्षित करने का दायित्व बोध बचपन से ही होना चाहिए। स्कूलों में तो इस विषय की शिक्षा दी ही जाती है, उनके अपने जीवन में भी इसे व्यवहार में लाना चाहिए। उन्होंने बताया उनके चारों बच्चे डेरा सच्चा सौदा की इस अभियान से जुड़कर हर वर्ष पौधारोपण करके अपने आप को गर्व महसूस करते हैं।
‘‘गांव चांदपुरा के रामचंद्र इन्सां ने कहा कि प्राकृतिक से खिलवाड़ कर आज का इंसान इसकी भारी कीमत चुका भी रहा है। उसे प्रदूषण के साथ जीना पड़ रहा है। अनगिनत बीमारियां गले पड़ रही हैं। लेकिन अब इंसान को अपनी गलती का एहसास हो गया है। कोरोना वायरस महामारी में आॅक्सीजन की कमी से लोगों को पेड़ पौधों की याद आई। इस भविष्य को देखते हुए पूज्य गुरु जी ने सालों पहले ही पौधारोपण जैसे
महाअभियान चलाएं, जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड भी डेरा सच्चा सौदा के नाम हैं।
‘‘गांव जाखल के राजेश शर्मा ने कहा की डेरा सच्चा सौदा ने पर्यावरण की दिशा में ऐसा काम किया, जिसकी आज लोग सराहना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने यहां लोगों और पक्षियों के लिए पौधे लगाए थे। 15-20 साल पहले बिना किसी स्वार्थ के लगाई है पौधे आज विशाल पेड़ों का रूप ले चुके हैं जिन्हें देखकर मन खुशी से पल अंकित होता है।
‘‘जाखल मंडी के राजीव मेहता ने कहा कि वे पढ़े लिखे नहीं हैं, लेकिन पेड़ पौधों का महत्व समझते हैं। भीषण गर्मी में अभी इसका महत्व लोगों को भी पता चल रहा है। पौधे लगाने के पीछे उनकी सोच थी कि भावी पीढ़ी को शुद्ध वातावरण के साथ छांव और पक्षियों ठिकाना मिल सके।
‘‘शक्करपुरा के सतपाल इन्सां ने कहा कि आने वाले अगस्त माह में इस बार भी पावन अवतार दिवस पर सैकड़ों पौधे उनके गांव में लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया हर पौधे की सुरक्षा की जिम्मेदारी साध-संगत की होगी। आने वाली बारिश में उचित जगह का चयन कर बड़े रूप में पौधरोपण करेंगे।
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