बीकानेर: फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी आॅफ इंडिया (FSSI ) ने ऊंटनी के दूध को दो प्रतिशत फैट स्टैंडर्ड के आधार पर व्यापार या बेचने की छूट दे दी है। इस फैसले के बाद अकेले राजस्थान के पांच लाख लीटर प्रतिदिन ऊंटनी के दूध को बाजार मुहैया हो सकेगा। अभी तक ये दूध ऊंटनी के बच्चे पी रहे थे या गांव में दवा के रूप में काम आ रहा था लेकिन अब इसे संगठित बाजार मिल सकेगा।
ऊंटनियों के दूध में फैट प्रतिशत दो से तीन प्रतिशत
मानक तय करने वाली संस्था पहले ऊंटनी के दूध की फैट 3.4 प्रतिशत और फैट रहित 6.5 प्रतिशत के आधार पर बेचने की छूट दी हुई थी लेकिन अधिकांश ऊंटनियों के दूध में फैट प्रतिशत दो से तीन प्रतिशत ही रही। इस वजह से हर जगह ऊंटनी के दूध की गुणवत्ता को चैलेंज किया जाता रहा है।
बाजार में उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए लिहाज से 14 साल से राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र संस्था से फैट दर रिवाइज करने के लिए आवेदन कर रहा था। एक सप्ताह पूर्व संस्था ने ऊंटनी के दूध की फैट दर को रिवाइज करते हुए दो प्रतिशत फैट और छह प्रतिशत फैट रहित दूध के आधार पर मार्केट में दूध बेचने की अनुमति दे दी है।
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