सरसा (सच कहूँ न्यूज)। शिक्षा विभाग की ओर से मिड-डे-मील (Mid-Day Meal) वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए एक नियम शुरू किया हैं। अब मिड-डे-मील का जो सामान खरीदा जाएगा उसका भुगतान स्कूल के खाते की बजाय सीधा विक्रेता के खाते में होगा। इसके लिए राशन विक्रेताओं के जीएसटी नंबर मांगे गए हैं। शिक्षकों को विक्रेताओं से जीएसटी नंबर लेकर विभाग को देने होंगे।
नियम के अनुसार उसी दुकानदार से राशन खरीदा जाएगा जिसके पास जीएसटी नंबर होगा। आदेशों में बताया गया है कि फंड मैनेजमेंट सिस्टम में दुकानदार का नाम जीएसटी नंबर समेत अपलोड किया जाना है। जो बिल दुकानदार राशन के बदले देगा, उसको बीईओ की ओर से प्रमाणित किया जाएगा। ताकि राशन की खरीदारी में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। बीईओ से साइन होने के बाद बिल डीईईओ के पास जाएगा। उसके बाद ही वित्त शाखा से संबंधित दुकानदार के खाते में बिल की राशि डाली जाएगी।
‘‘जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मिड-डे-मील के नोडल अधिकारी संजय मोंगा ने कहा कि यह मामला प्रगति में हैं। इसके अनुसार वेंडर बनाए जाएंगे, जिनसे सामान खरीदा जाएगा। यह एक उसी प्रकार की प्रक्रिया जैसे एक घर के साथ राशन वाला जुड़ा होता है। हम घर का सारा राशन वहीं से लेते हैं। ठीक उसी प्रकार अब राशन वाले को सीधा स्कूल के साथ जोड़ा जाएगा।
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