6 से 8 जुलाई के बीच येलो अलर्ट जारी
हिसार सच कहूँ/संदीप सिंहमार। Weather Update: अचानक हुए जलवायु परिवर्तन का असर दक्षिण-पश्चिम मानसून पर दिखाई दे रहा है। एक दिन पहले ही भारत मौसम विभाग ने मौसम बुलेटिन जारी कर हरियाणा प्रदेश में 7 जुलाई तक बूंदाबांदी को छोड़कर कहीं भी बारिश की संभावना नहीं जताई थी। लेकिन अब वहीं मौसम विभाग हरियाणा प्रदेश में बारिश का अलर्ट जारी कर रहा है। मंगलवार को भी हरियाणा में कुछेक स्थानों पर बूंदाबांदी हुई।
महेंद्रगढ़ में 1.5 अंबाला में 0.1, रेवाड़ी के बावल में 8.0 व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में 5.8 एमएम पानी गिरा। बावल में हल्की बारिश तो बाकी जगहों पर बूंदाबांदी ही कही जा सकती है। दूसरी तरफ भारत मौसम विभाग के अपडेट मौसम बुलेटिन के अनुसार 4 जुलाई की रात्रि से मौसम में एक बार फिर से परिवर्तन आएगा। इसका असर 5 जुलाई को पूरे हरियाणा प्रदेश में देखने को मिलेगा। इस दौरान गरज़-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
जाने कब-कहाँ होगी बरसात? | Punjab Weather Update
भारत मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र से गाड़ी हुए मौसम बुलेटिन के अनुसार 8 जुलाई तक सबसे अधिक बारिश दक्षिण में दक्षिण पूर्व हरियाणा में देखने को मिलेगी। क्षेत्र में आने वाले जिले महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद,रोहतक व सोनीपत में 6 व 8 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसी प्रकार सरस,फतेहाबाद, हिसार, जींद,भिवानी व चरखी दादरी में 8 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है। से पहले 7 जुलाई को चंडीगढ़,पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर,कुरुक्षेत्र व करनाल जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सरसा व बालसमंद में पारा रहा 41 डिग्री सेल्सियस | | Punjab Weather Update
पल-पल बदलते मौसम के बीच भी उमस भरी गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान हरियाणा के हिसार जिले का बालसमंद व सरसा का अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मॉनसूनी मौसम में अब तक का यह सबसे अधिक तापमान है। इसी प्रकार हिसार में 40.6 ,झज्जर में 40.9,जींद में 40.3 व मेवात में 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बढ़ते अधिकतम तापमान में बारिश के बाद ही राहत मिलने की उम्मीद है।
क्यों झूठा साबित हो रहा है मौसम विभाग का अलर्ट ? Weather Update
भारत के सभी राज्यों के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्यरत भारत मौसम विभाग मौसम को लेकर समय-समय पर अलर्ट जारी करता है। इस बार विपरजॉय चक्रवात की भविष्यवाणी को यदि छोड़ दिया जाए तो मौसम विभाग की सभी भविष्यवाणियां झूठी साबित हुई है। इसका मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग का असर है। समुद्री इलाकों में बढ़ रही गर्मी के कारण धरातलीय क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र नहीं बन पाता।
जिस कारण दक्षिण-पश्चिमी मानसून हवाएं आगे बढ़ने से या तो रुक जाती हैं या फिर अपना रूट बदल लेती है। इस बार ऐसा ही हुआ है। वर्तमान में भी मध्य बंगाल की खाड़ी से लेकर दक्षिण पूर्व, गंगानगर, दिल्ली, अलीगढ़, हमीरपुर, प्रयागराज, डाल्टनगंज,बालासोर से होकर अब मानसूनी हवाओं का रूट बना है। यह रूट हरियाणा, दिल्ली एनसीआर, पंजाब व राजस्थान के लिए बारिश के लिए अनुकूल बन रहा है। यही एक वजह है कि भारत मौसम विभाग को अभी पल-पल अपना मौसम बुलेटिन बदलना पड़ रहा है।
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