प्रेस की स्वतंत्रता के हनन को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

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प्रेस की स्वतंत्रता के हनन को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

डॉ. हरिमोहन सारस्वत पर मुकदमे से अनूपगढ़ के पत्रकारों में भी फैला आक्रोश

अनूपगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। सूरतगढ़ में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हरिमोहन सारस्वत (Dr. Hari mohan Saraswat) के खिलाफ राजकीय चिकित्सालय प्रभारी डा.नीरज सुखीजा द्वारा करवाए मुकदमें को अनूपगढ़ जिले भर के पत्रकारों में भी भारी आक्रोष है। पत्रकार वेलफेयर सोसायटी अनूपगढ़ ने सोमवार को बैठक कर पूरे घटनाक्रम पर चर्चा की। डीपी शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने कहा कि यदि आम आदमी की आवाज उठाने के लिए किसी पत्रकार को झूठे मुकदमों में फंसाने की साजिश रची जाए तो फिर दबे-कुचले वर्ग के लिए लड़ाई कौन लड़ेगा। Anupgarh News

डॉ. हरिमोहन सारस्वत ने निजी काम के लिए प्रभारी के पास नहीं गए थे, बल्कि दवा नहीं मिलने के कारण परेशान वरिष्ठजनों को लेकर प्रभारी से दवा की मांग करने गए थे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखकर कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि सरकारी डॉक्टर की ड्यूटी में हरिमोहन सारस्वत ने कोई बाधा डाली हो बल्कि उनको अपनी ड्यूटी करने के लिए ही कहा है। पत्रकारों ने डा नीरज सुखीजा की निंदा करते हुए कहा कि सूरतगढ़ राजकीय चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का यह मामला नया नहीं है। इसमें पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। सब का उद्देश्य है डर का माहौल पैदा करना ताकि लोग अव्यवस्था के खिलाफ बोलना बंद कर दे।

प्रभारी चिकित्सक को हटाने और निष्पक्ष जांच की मांग | Anupgarh News

बैठक में संस्था सचिव नरेन्द्र भोजक, अजय शर्मा, श्रीमती चन्द्र ओझा, भगवानाराम सारस्वत, सतीश कुमार, ओम चुघ, गिरधारी स्वामी, उदयशंकर, रमेश राजपूत, कमल कुमार, विपुल अग्रवाल, मोहन बतरा, केशव नायक, दीपक अग्रवाल, भाविश कुमार गर्ग, नरेश कुमार, पृथ्वीराय आदि उपस्थित रहे। बैठक के बाद पत्रकारों ने कलेक्टर अवधेश मीणा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में डॉ. नीरज सुखीजा को तुरंत प्रभाव से सूरतगढ़ राजकीय चिकित्सालय से हटाने और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि राजकीय चिकित्सालय प्रभारी, सूरतगढ़ द्वारा प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरिमोहन सारस्वत, उमेश मुदगल और 30-40 अन्य रोगी वरिष्ठजनों के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज करवाया है। विगत शुक्रवार को डॉ. सारस्वत चिकित्सालय में दो घंटे से प्रतीक्षारत बुजुर्गों को दवा न मिलने पर डॉ. नीरज सुखीजा के चैम्बर में पहुंचे थे। उनके पीछे-पीछे हाथों में दवा पर्चियां लिये वरिष्ठजन भी आ गए थे। प्रभारी ने न सिर्फ सारस्वत से दुर्व्यवहार किया बल्कि कहने लगा कि वे इन लोगों को तुम उकसाकर लाए हैं।

इसके बाद प्रभारी ने पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने भी बिना मामले की पड़ताल किये आनन-फानन में राजकार्य में बाधा और चिकित्सालय परिसर में हिंसा और तोड़फोड़ की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। मामले की जांच एसआई सम्पतराम कर रहे हैं। Anupgarh News

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