सत्संग में आने से जहां जन्मों-जन्मों के पाप-कर्म कट जाते हैं
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर इन्सान अपने जीवन में यह धार ले कि मैंने घंटा-घंटा सुबह-शाम सुमिरन करना ही करना है, तो उसके आने वाले दुख, रोग, परेशानियां सब चुटकियों में खत्म हो जाएं।
आप जी फरमाते हैं कि इन्सान और-और कामों में दिन-रात लगा रहता है, रिश्तेदारी में, विवाह-शादी में जाना हो तो पांच-पांच दिन लगा देता है, कहीं बिजनेस-व्यापार के लिए जाना हो तो कई-कई दिन लग जाते हैं, लेकिन अगर इन्सान को सत्संग में आना हो तो एक दिन भी बहुत ज्यादा लगता है और कहता है कि मेरे पास समय नहीं है।
राम-नाम कैसे आपके दुखों को दूर करेगा?
इन्सान के पास सभी कामों के लिए समय होता है, लेकिन सत्संग में आने से जहां जन्मों-जन्मों के पाप-कर्म कट जाते हैं, जीते-जी गम, दुख, दर्द, चिंता, टेंशन से मुक्ति मिल जाती है, उसके लिए इन्सान के पास टाईम नहीं है। इसी वजह से आज का इन्सान दुखी, परेशान है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि जब आपने राम का नाम लिया है, तो आप बहुत भागों वाले हैं, लेकिन राम-नाम लेकर उसका जाप करना भी जरूरी है।
अगर आप जाप नहीं करते, भक्ति नहीं करते, तो जैसे आपके पास घी, दूध, मक्खन, बादाम हों और आप उन्हें खाएं ही नहीं तो क्या आपमें ताकत आएगी? नहीं आएगी।
आदमी अंदर-बाहर से खुशियों से मालामाल हो जाता है
उसी तरह राम का नाम आपने ले तो लिया, लेकिन क्या कभी टाईम से भक्ति करते हो? चलते, बैठते, लेटते, काम-धन्धा करते हुए नाम का सुमिरन करो, सुबह-शाम आधा-आधा घंटा जाप किया करो, लेकिन अगर आप जाप नहीं करते, तो राम-नाम कैसे आपके दुखों को दूर करेगा? इसलिए राम-नाम लेकर उसका जाप करो, तो जन्मो-जन्मो के पापकर्म कट जाते हैं, जीते-जी गम, चिंता, परेशानियां नहीं सताती और रोगों का खात्मा होता है, शरीर तंदरूस्त होता है और आदमी अंदर-बाहर से खुशियों से मालामाल हो जाता है।
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