आंखें बनेंगी 2 अंधेरी जिंदगियों में उजाले का सबब
ओढ़ां, सरसा (सच कहूँ/राजू)। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जीते जी तो मानव सेवा करते ही हैं बल्कि मरणोपरांत भी मानवता के काम आ जाते हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा इंसानियत हित में शुरू की गई अमर सेवा मुहिम में एक नाम और शुमार हुआ है ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब की मंडी कालांवाली निवासी प्रेमी सुखदेव इन्सां का। जिनकी मृत देह इलाही नारों के बीच मेडिकल शोध कार्यांे हेतु दान कर दी गई। सुखदेव इन्सां को मंडी कालांवाली के 19वें शरीरदानी का गौरव प्राप्त हुआ। Sirsa News
करीब 65 वर्षीय सुखदेव इन्सां (डेयरी वाले) बीते रविवार सायं हृदय गति रुकने की वजह से सचखंड जा विराजे। सुखेदव इन्सां ने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। उनके पुत्र रमनदीप इन्सां ने बताया कि उन्होंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र पहले से ही भरा हुआ था। सुखेदव इन्सां ने अपने पुत्रों रमनदीप इन्सां व प्रीतपाल इन्सां को पहले से ही शरीरदान के प्रतिज्ञा पत्र बारे अवगत करवा रखा था।
इलाही नारों के बीच अंतिम सफर पर रवाना हुए सुखेदव इन्सां | Sirsa News
शरीरदानी सुखदेव इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के सदस्य, साध-संगत, परिजन एवं रिश्तेदार व गणमान्य लोगों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। उपस्थितजनों ने ‘सचखंडवासी सुखदेव इन्सां अमर रहे के नारे लगाकर एवं सैल्यूट कर उनकी मृत देह को फूलों से सजी गाड़ी में अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक समान के तहत सुखदेव इन्सां की अर्थी को कंधा उनकी बेटी राजप्रीत कौर इन्सां, पुत्रवधू सरोज बाला इन्सां व पूजा रानी इन्सां ने दिया। ब्लॉक प्रेमी सेवक ने बताया कि सुखदेव इन्सां ब्लॉक के कर्मठ सेवादारों में गिने जाते थे। उनका पूरा परिवार सेवा-सुमिरन में हमेशा अग्रणी रहता है। सुखदेव इन्सां की कमी हमेशा महसूस होगी।
बेटों ने किया पिता की इच्छा को पूरा | Sirsa News
सचखंडवासी के पुत्रों ने बिना किसी लोक-लाज की परवाह किए अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए सोमवार को उनकी मृत देह एससीपीएम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गोंडा (यूपी) को दान कर दी। इससे पूर्व सुखदेव इन्सां की दोनों आंखें पूजनीय माता करतार कौर जी इंटरनेशनल आई बैंक को दान की गई। सुखदेव इन्सां की आंखें 2 अंधेरी जिंदगियों में उजाले का सबब बनेंगी तो वहीं उनकी मृत देह मेडिकल के छात्रों के शोध कार्यांे में काम आएगी। Sirsa News
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