सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। मेडिकल (Medical) नशे की रोकथाम के लिए एडीजीपी श्रीकांत जाधव इन दिनों पूरी तरह एक्शन में दिखाई दे रहे है और नशा बेचने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को शहर में भी एडीजीपी की टीम ने रानियां गेट स्थित एक मेडिकल स्टोर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ छापा मारा। यह कार्रवाई नशीली दवाइयां मिलने की सूचना पर की गई। इस दौरान मेडिकल स्टोर पर स्वास्थ्य विभाग से ड्रग कंट्रोलर अधिकारी रजनीश धालीवाल व उनकी टीम ने जांच की। Sirsa News
इस दौरान मेडिकल स्टोर पर अलग-अलग दो दवाइयां मिली, हालांकि यह नारकोटिक्स में नहीं आती, लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक इन दवाओं का कोई भी खरीद-ब्रिकी का रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए। साथ ही इनका अन्य रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं था। जिसके पश्चात टीम की ओर से मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया। वहीं मेडिकल स्टोर पर हेल्थ एंड केयर क्लीनिक के नाम से बोर्ड लगा हुआ था। जिसपर ड्रग कंट्रोलर अधिकारी रजनीश धालीवाल ने कहा कि इनके पास अनु मेडिकल के नाम से मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है। रेड के दौरान फर्म का सेल्समैन हंसराज मौके पर मौजूद मिला और प्रोपराइटर फर्म सेफार्मासिस्ट अनुपमा बाद में मौके पर पहुंची। वह भी दवाइयों का रिकॉर्ड नहीं दिखा पाई, जिसके पश्चात मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है।
क्या है मामला
मेडिकल स्टोर पर लगातार हो रही कार्रवाई के बाद भी मेडिकल स्टोरों पर नशीली दवाइयां मिलने के प्रश्न पर बोलते हुए ड्रग कंट्रोलर अधिकारी रजनीश धालीवाल ने कहा कि ये प्रतिबंधित दवाइयां नहीं है, ये शेड्यूल ड्रग है जो नारकोटिक्स में नहीं आता। इन्हें बेचा जा सकता है, लेकिन इनके लिए खरीद-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखना जरूरी है। साथ में डॉक्टर की पर्ची और कैश मेमो काटकर देना भी जरूरी है।
अगर डॉक्टर की पर्ची है और लीगल तरीके से बेच रहे है तो कोई परेशानी नहीं है। मगर प्रॉब्लम यह आ रही है कि इन दवाओं को इल्लीगल तरीके से बेचा जा रहा है और इल्लीगल तरीके से ही ये दवाएं बाजार में आ रही है। उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भविष्य में भी इल्लीगल तरीके से दवाइयां बेचता मिला तो उन मेडिकल स्टोर को भी सील किया जाएगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। Sirsa News
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