मेदांता की कोरोना पॉजिटिव नर्सिंग स्टाफ ने प्रधानमंत्री से की शिकायत

शिकायत में गुरुग्राम के ईएसआईसी अस्पताल का बताया बुरा हाल

(Medanta’s Corona positive nursing)

संजय मेहरा/सच कहूँ गुरुग्राम। मेदांता मेडिसिटी की कोरोना संक्रमित नर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीटर पर शिकायत करके कहा है कि ईएसआईसी अस्पताल का सफाई, इलाज के मामले में बुरा हाल है। उनको ठीक से ट्रीट नहीं किया जा रहा। कोई उन्हें दवा तक देने नहीं आता। सेंपल, ईसीजी तक उन्हें आपस में खुद ही करने पड़ रहे हैं। कहने को ही वे कोरोना वॉरियर हैं। उनकी ईएसआईसी की नजर में कोई वेल्यू नहीं है।

ट्वीटर के जरिए स्टाफ नर्स ने की है यह शिकायत

मेदांता मेडिसिटी अस्पताल से कोरोना पॉजिटिव कई नर्सिंग स्टाफ को यहां सेक्टर-9 स्थित ईएसआईसी अस्पताल में उपचार को भर्ती कराया गया है। उनकी शिकायत है कि ईएसआईसी में उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट करके अपनी समस्याओं से अवगत कराया है, यहां एडमिट मेदांता से नर्सिंग स्टाफ श्वेता रावत ने बातचीत में कहा कि ईएसआईसी अस्पताल में वे अपना कोरोना का उपचार कराने को भर्ती हैं। जितनी सीरियस बीमारी है, उतना सीरियस यहां स्टाफ और मैनेजमेंट नहीं है।

ईएसआईसी अस्पताल की तस्वीरें भी की टैग

हालत यह है कि गंदी बेड शीट यहां कई दिन से पड़ी हैं। टॉयलेट वे सभी शेयर कर रही हैं, लेकिन यहां वॉश रूम का पानी निकलकर बेड साइड तक आ रहा है। मतलब वार्ड में फर्श पर गंदा पानी फैला रहता है। हालत यह है कि वे बेड से नीचे भी नहीं उतर सकती। कोई भी इसे ठीक नहीं करता। शिकायतें उन्होंने कई बार की है। श्वेता रावत का कहना है कि यहां एक डेढ़ साल का बच्चा व उसकी माँ भी कोरोना पॉजिटिव हैं।

  • बच्चा इस पानी में फिसलकर गिर भी गया।
  • स्टाफ नर्स श्रुति ने कहा है कि यहां 10 नर्सिंग स्टाफ एडमिट हैं
  • उन्हें ब्लैंकेट, पिल्लो तक नहीं दिए जा रहे।
  • रूम और वॉशरूम की सफाई तो दूर की बात है।

ट्रीटमेंट से संतुष्ट नहीं हैं नर्सिंग सिस्टर

यहां भर्ती नर्सिंग सिस्टर्स का कहना है कि वे ईएसआईसी में उनका ट्रीटमेंट भी ठीक से नहीं हो रहा। मेडिसन देने के लिए बेड साइड तक तो कोई आ ही नहीं रहा। फिर भी वे खुद ही दूर रखी मेडिसन को उठाकर ले लेती हैं। यहां तक कि अपना आपस में वे सेंपल भी ले रही हैं और ईसीजी आदि भी कर रही हैं।

  • मतलब एक मरीज होकर भी वे ट्रीटमेंट का काम कर रही हैं।
  • उनका कहना है कि ऐसा अस्पताल तो कहीं नहीं देखा।
  • भले ही वे नर्सिंग सिस्टर हैं, लेकिन इस समय वे मरीज हैं।
  • बीमारी भी बड़ी है। इस लिहाज से उनको सही ट्रीट किया जाना चाहिए।

एक फोन है, उसे सेनिटाइज नहीं किया जाता

उनका यह भी कहना है कि वार्ड में एक फोन है। उसे हर पॉजिटिव पेशेंट उठाता है। इससे वायरस फैलने का डर रहता है। क्योंकि फोन का सेनिटाइज नहीं किया जाता। यहां सभी पेशेंट पॉजिटिव हैं, जो कि आपस में दूरी बनाकर रखते हैं। ऐसे में एक ही फोन को यूज करना भी सही नहीं है।

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