कौड़ियों के भाव खरीदा जा रहा मक्का

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6 माह की मेहनत के बाद अनाज मंडियों में पहुंचा मक्का, थानेसर में 14694 क्विंटल हुई अब तक आवक

सच कहूँ, देवीलाल बारना/कुरुक्षेत्र।

आमतौर पर कहा जाता है कि घाटे का सौदा बन चुकी कृषि में यदि विभिन्न प्रकार की फसलों का उत्पादन किया जाए तो कृषि घाटे का सौदा न बनकर फायदे का सौदा भी बन सकती है। लेकिन इन फसलों के भी उचित दाम न मिलने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पडता है। कुछ प्रगतिशील किसान खेती से मुनाफा लेने के लिए दो की बजाए तीन फसलें अपने खेतों से पैदा करते हैं,

लेकिन इन फसलों के दाम सही न मिलने से ज्यादा मुनाफा नही मिल पाता। वर्ष 2016-17 की यदि बात करें तो मटर व मक्का इत्यादि फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को काफी घाटे का सामना करना पडा था, लेकिन 2017-18 में इन फसलों से किसानों को कुछ मुनाफा भी मिला है।

मक्के खरीद की हो जांच व मिले बोनस: सतीश कुमार

गांव अहबल से मक्के को बेचने आए किसान सतीश कुमार का कहना है कि मक्का खरीद में किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। सरकार बेशक 1450 रूपए में मक्का खरीदने का ढिंÞढ़ोरा पीट रही है लेकिन किसानों का मक्का मात्र 1000 से 1200 रूपए के बीच बिक रहा है। सतीश कुमार ने सरकार से मांग की कि मक्के की खरीद की जांच करवाई जाए व किसानों को बोनस दिया जाए।

वहीं किसान रमेश ने बताया कि मक्के की कटाई से लेकर अनाज मंडी तक पहुंचने में ही लगभग 10 हजार रूपए खर्च हो जाता है। यदि बुअइाई से मंडी पहुंचने तक का खर्च देखा जाए तो किसानों को मिल रहे दाम से तो मक्के के खर्च की भी पूर्ति नही हो पाती।

अब तक 14694 क्विंटल हुई थानेसर अनाज मंडी में मक्के की आवक

मंडी विश्लेषक चंद शेखर सैनी ने बताया कि थानेसर अनाज मंडी में अब तक 14694 क्विंटल मक्के की थानेसर अनाज मंडी में आवक हो चुकी है। उन्होने बताया कि अभी तक अनाज मंडी में मक्के की आवक जारी है। अब तक मक्के का मिनीमम रेट 1086 व मैक्सीमम रेट 1230 रूपए रहा है।

सरकारी खरीद न होने से कम दाम में बिक रहा मक्का

बेशक इस वर्ष मक्के की फसल पकने के बाद बरसात न पडने से क्वालिटी काफी अच्छी रही है, लेकिन उचित दाम न मिलने से मक्के मेें किसानों को नुकसान हुआ है। हालांकि सरकार द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1450 रूपए निर्धारित किया गया है। लेकिन थानेसर अनाज मंडी में सरकारी खरीद न होने के चलते मक्का लगभग 200 से 300 रूपए तक सस्ता बिक रहा है।

थानेसर में अनाज मंडी में सभी प्राईवेट एजेंसी खरीद कर रही हैं, जिसमें बंसल ब्रदर्स, अरोडा एंटरप्राईजिज, मां वैष्णों देवी एंटरप्राईजिज, गुरु ब्रह्मानंद एजेंसी, मुकंद लाल-सुरेश कुमार व एसएस एंटरप्राजिज सहित कुछ एजेंसी खरीद कर रही हैं।

समर्थन मूल्य 1450 तो कम दाम में क्यों बिक रहा मक्का : रामपाल

थानेसर अनाज मंडी में मक्के की फसल बेचने आए गांव कोल्हापुर निवासी रामपाल सैनी का कहना है कि जब सरकार द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1450 निर्धारित किया है तो किसानों को क्यों लुटा जा रहा है। किसानों की 6 माह की मेहनत को कौड़ियों के भाव खरीदा जा रहा है। रामपाल ने सरकार से मांग की कि किसानों को मक्के का समर्थन मूल्य पूरा दिया जाए।

 

 

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