हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका बेटा-बेटी बड़े होकर डॉक्टर-इंजीनियर बनें। बचपन में अपने बच्चों को डॉक्टर-डॉक्टर गेम खेलता देख सोचते हैं कि शायद उनका बच्चा डॉक्टर ही बनें। कुछ बच्चे इस सपने को हकीकत में भी बदल देते हैं। मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए नीट अहम पड़ाव है।
इस परीक्षा को पास करने के बाद जहां कई स्टूडेंट्स मेडिकल क्षेत्र में ही काम करना पसंद करते हैं तो वहीं कई ऐसे भी हैं जो एमबीबीएस के बाद ऑल्टरनेट करियर ऑप्शन भी चुनते हैं। कहा जाता है कि एमबीबीएस के बाद छात्रों के पास लिमिटेड ऑप्शन होते हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इस क्षेत्र में आप सिर्फ डॉक्टर ही नहीं बन सकते, बल्कि कई अन्य तरह से भी अपना करियर बना सकते हैं।
1. एमबीबीएस के माध्यम से डॉक्टर:
लाखों एमबीबीएस ग्रेजुएट्स क्लीनिकल फील्ड में एंट्री कर डॉक्टर के रूप में अपनी प्रैक्टिस शुरू करने की उम्मीद करते हैं। लेकिन ये रेस काफी इंटेंस हैं। नीट के जरिए मेडिकल स्टूडेंट अपनी एमबीबीएस की डिग्री को अपने स्पेशलाइजेशन की फील्ड में पूरा कर सफल डॉक्टर बन सकते हैं और सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में काम कर सकते हैं।
2. बीडीएस के जरिए डेंटिस्ट के रूप में करियर स्कोप:
एमबीबीएस के अलावा, नीट के जरिए बीडीएस कोर्स की डिग्री हासिल कर डेंटिस्ट बना जा सकता है। इस फील्ड में भी अपॉर्चुनिटी पब्लिक क्लिनिक्स तक ही सीमित नहीं है। कई डेंटिस्ट अपने खुद के क्लीनिक शुरू कर अच्छी खासी कमाई करते हैं।
3. एमडी/एमएस/डिप्लोमा:
यह उन लोगों के लिए एमबीबीएस के बाद सबसे ज्यादा चुने जाने वाले ऑप्शन्स में से एक है, जो अपने मेडिकल करियर को जारी रखना चाहते हैं। एमडी या एमएस या डिप्लोमा डॉक्टरों को पोस्टग्रेजुएट कोर्स करने की इजाजत देता है साथ ही अपनी पसंद के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन हासिल करने की फ्रीडम भी देता है।
4. एमबीए:
डॉक्टर के रूप में करियर बनाने वाले किसी कैंडिडेट के लिए एमबीए सबसे क्लियर ऑप्शन नहीं है। एमबीबीएस के बाद एमबीए करना अनकन्वेंशनल है, लेकिन कुछ लोग इसे एंटरप्रेन्योरल स्किल डेवलेप करने और हेल्थकेयर प्रतिष्ठानों के मैनेजमेंट में करियर के अवसरों का पता लगाने के लिए लेते हैं।
5. एमएससी का कोर्स:
एमबीबीएस के बाद छात्रों के पास एमएससी करना अच्छा विकल्प है, एमबीबीएस ग्रेजुएट्स इनमें से किसी भी क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं, एयरोस्पेस मेडिसिन, एनाटॉमी, एनेस्थीसिया, बायोकैमिस्ट्री, डमेर्टोलॉजी, वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी., फॉरेंसिक मेडिसन, जेरियाट्रिक, ईएनटी के अलावा कई अन्य क्षेत्र हैं।
6. एमएससी:
एमबीबीएस के बाद एमएससी करना दूसरा विकल्प है। एमबीबीएस ग्रेजुएट्स इनमें से किसी भी क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं- एयरोस्पेस मेडिसिन,एनाटॉमी, एनेस्थीसिया, बायोकैमिस्ट्री, डमेर्टोलॉजी,वेनेरोलॉजी एंड लेप्रोसी। फॉरेंसिक मेडिसन, जेरियाट्रिक, ईएनटी के अलावा कई अन्य क्षेत्र हैं।
7. क्लीनिकल रिसर्च:
जब रिसर्च के क्षेत्र की बात आती है, तो भारत अभी भी ग्रो कर रहा है और डेवलेप हो रहा है। इसके लिए क्लिनिकल रिसर्चर्स की बहुत जरूरत होती है। विभिन्न संस्थान जो रिसर्च के अवसर प्रदान करते हैं वे हैं सीसीएमबी (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च), आईसीएमआर (सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी), सेंट जॉन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट। कोई भी डब्लयूएचओ से जुड़ सकता है। इसके साथ ही एम्स, पीजीआई, निमहंस, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई (टीआईएफआर) जैसे कई संस्थान पीएचडी डिग्री प्रदान करते हैं।
ये हैं एमबीबीएस के बाद एमबीए के लिए बेस्ट स्पेशलाइजेशन:
- एमबीए इन हेल्थकेयर एंड हॉस्पिटल मैनेजमेंट
- एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन
- एमबीए इन जनरल मैनेजमेंट
- पीजीडी इन हॉस्पिटल एंड हेल्थ मैनेजमेंट
- पीजीडी इन हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन
- पीजीडी इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन
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