लखनऊ। राजस्थान में कांग्रेस सरकार से खफा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने वहां के मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के माहौल का हवाला देते हुये राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया “जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।” उन्होने कहा “ इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहाँ के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहाँ राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो। ”
राजस्थान के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में बसपा की भूमिका अहम मानी जा रही है। दरअसल, राजस्थान में बसपा के छह विधायक अशोक गहलोत सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे थे लेकिन कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर में इन विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया था। जनवरी में इन विधायकों ने कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता ले ली थी। बसपा का आरोप है कि कांग्रेस ने लालच-प्रलोभन देकर उसके विधायकों को तोड़ा है। इस बारे में बसपा सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस्तीफा तक मांगा था। बसपा इस मामले को लेकर चुनाव आयोग के पास लेकर भी पहुंची थी लेकिन आयोग ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था।
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