यमुनानगर के कबाड़ गोदाम में भीषण आग, तीन बच्चों और पिता की मौत

Massive fire in the junk warehouse sachkahoon

यमुनानगर (एजेंसी)। हरियाणा में यहां सिटी सेंटर रोड पर एक कबाड़ गोदाम में बुधवार-वीरवार रात्रि लगी आग में तीन बच्चों और उनके पिता की जलने से दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि कबाड़ गोदाम में लगभग दो बजे अचानक आग लग गई और जल्द ही इसने वहां रखे कबाड़ को अपनी चपेट में लेते हुये भीषण रूप धारण कर लिया। इस दौरान गोदाम की ऊपरी मंजिल में सो रहे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि इसने परिवार के सदस्यों को भागने का भी मौका नहीं दिया। इस घटना में तीन बच्चों और इनके पिता की जलने से मौत हो गई जबकि मां गम्भीर रूप से झुलस गई है।

यह परिवार ऊपरी मंजिल पर बने एक कमरे में रहता था। इसके अलावा अन्य कमरों में और भी मजदूर रहते हैं जो नीचे बनी कबाड़ी की दुकान और गोदाम में काम करते हैं। मृतकों की शिनाख्त नियामुद्दीन (37), बेटी फिजा(12), बेटा चांद(8) और रेहान(तीन) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि नियामुद्दी की पत्नी नसीमा (25) बुरी तरह से झुलस गईं। उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गम्भीर बताई जाती है। यह परिवार मूलरूप से बिहार के मधुबन जिले के मिल्कमादीपुर गांव का निवासी है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिये हैं।

आग लगते ही पूरी बस्ती में अफरा-तफरी

इससे पहले कबाड़ गोदाम में आग लगते ही पूरी बस्ती में अफरा-तफरी मच गई। आग में घिरे लोगों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी बाहर आ गए और दमकल विभाग को सूचित करने के साथ आग बुझाने और इसमें घिरे लोगों को बचाने का प्रयास किया। कुछ लोगों को सुरक्षित निकाल भी लिया गया। आग की लपटों को देखते हुये कबाड़ गोदाम से सटे मकानों में रहने वाले लोगों ने अपने घरों का सामान तक निकालना शुरू कर दिया।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस अधिकारी राहत एवं बचाव टीमों के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर पहु्ंची चार दमकलों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन इसमें सफल नहीं हुईं। इसके बाद और दमकलें वहां मंगाई गई। कड़ी मशक्कत के बाद सुबह लगभग दस बजे तक आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका। प्रथम द्रष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। इस सम्बंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बताया जाता है कि इस कबाड़ गोदाम के ऊपरी मंजिलों में आठ कमरे हैं जिनमें लगभग 22 मजदूर रहते हैं1 इनमें से अधिकतर इसी कबाड़ गोदाम में काम करते हैं।

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