शहीद जवान हरमीत सिंह राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

Martyred jawan Harmeet Singh sachkahoon

सेन्य ट्रेनिंग के दौरान बिगड़ गई थी तबीयत

कालांवाली (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय सेना में तैनात शहर के करीब 27 वर्षीय एक जवान हरमीत सिंह की पंजाब के पठानकोट में सेना की ट्रेनिंग दौरान तबीयत बिगड़ने से शहीद हो गया। वो ट्रेनिंग के दौरान दौड़ लगाते समय गिर गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। वीरवार अलसुबह हरमीत सिंह का तिरंगे में लिपटा शव लेकर सुबेदार सुखविंदर सिंह उनके घर पहुंचे। इस दौरान हिसार के सुबेदार मंजीत सिंह व करीब 10 जवान भी शामिल हुए। शव के पहुंचते ही शहर व आस-पास के विभिन्न गांवों के सैकड़ों लोग हरमीत सिंह के घर एकत्रित हो गए। इसके बाद घर में अन्य क्रिया कर्म करने के बाद हरमीत सिंह के शव को भारत माता की जय और वीर जवान अमर रहे के नारों के साथ रामबाग में लाया गया। इस दौरान नायब तहसीलदार राम निवास और थाना प्रभारी राजा राम ने पुष्प चक्र अर्पित किए और सेना के जवानों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर शहीद जवान को सलामी देकर अंतिम संस्कार करवाया।

अपने माता-पिता की इकलौती संतान था हरमीत सिंह

हरमीत सिंह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। हरमीत सिंह दिसंबर 2016 में सेना में भर्ती हुआ था। हरमीत सिंह की शादी करीब डेढ़ वर्ष पहले ही हुई थी। हरमीत सिंह के पिता जगतार सिंह की मौहल्ले में ही एक छोटी सी परचून की दुकान है। वे बेटे की नौकरी के बाद काफी खुश थे। लेकिन अचानक उनके ऊपर दु:ख का पहाड़ टूट पड़ा।

‘हरमीत सिंह द्वारा देश के लिए निभाई सेवाओं को भुलाया नहीं जा सकता’

इस दौरान नायब तहसीलदार राम निवास और थाना प्रभारी राजा राम ने कहा कि देश के लिए कुर्बान होना एक सैनिक के लिए गर्व की बात होती है। सेना के जवान अपने परिवार की परवाह किए बिना देश को ही अपना परिवार मानते हुए हर समय सुरक्षा प्रदान करते हैं। हरमीत सिंह द्वारा देश के लिए निभाई सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अब हमारा फर्ज है कि हम हरमीत सिंह के परिवार का ख्याल रखें, उन्हें ऐसा सम्मान और अपनापन दें कि उन्हें कभी भी अपने बेटे की कमी महसूस न हो।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।